विधुत मोटर ( Electric Motor ) तथा विधुत जनित्र के ( Electric Generator ) कार्यो का वर्णन करे 2023। Science V.V.I Subjective Question Describe the functions of electric motor and electric generator.
[ Class 10th Science Objective & Subjective Question Answer 2023 ] विधुत मोटर:- अगर आप क्लास 10th के तैयारी कर रहे हैं। तो यहां पर आपके लिए बहुत ही Subjective Question Answer नीचे दिया गया है। विधुत मोटर ( Electric Motor ) तथा विधुत जनित्र के ( Electric Generator ) V.V.I Subjective Question Answer का दिया गया है। जिसे पढ़कर आप अपने मैट्रिक परीक्षा 2023 की तैयारी को बेहतर कर सकते हैं। दोस्तों यह Question मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में हमेशा पूछा जाता है। तो इसे एक बार जरूर देखें।
विधुत मोटर ( electric motor ) कार्यो का वर्णन करे
1. विद्युत मोटर क्या है? इनकी कार्यों का वर्णन करें।
Ans ⇒ विद्युत मोटर में एक शक्तिशाली चुंबक होता है। जिसके ध्रुव खंडों के बीच तांबे की तार कुंडलिक होती है। जिसे मोटर का आर्मेचर कहा जाता है। आर्मेचर के दोनों छोर पर पीतल के खंडित वलय R1 तथा R2 से जुड़ा हुआ होता है। वलय को कार्बन के ब्रश B1 तथा B2 स्पर्श करते हैं। जब आर्मेचर से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तब चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र के कारण कुंडली के AB तथा CD भुजाओं पर समान मानकर परंतु विपरीत दिशा में एक बलयुग्म लगता है। जिसके कारण आर्मेचर घूमने लगता है।

आधे घूर्णन के बाद जब CD भुजा ऊपर चली जाती है। और AB नीचे चली आती है। तब वाला एक का स्थान भी बदल जाता है। जिसके कारण धारा की दिशा एक ही तरफ बनी रहती है। और यह ब्ल्युग्म्म आर्मेचर को एक ही तरफ घूम आता है। अब आर्मेचर की धूरी बलेड लगा देते हैं। तब विद्युत पंखा बन जाता है। अब दूरी पर पट्टी लगाकर उसे मशीन से जोड़ दिया जाता है। और मोटर द्वारा मशीन चलाया जाता है।
Note :- विद्युत मोटर एक ऐसा यंत्र है। जिससे विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदला जाता है।
Note :-
विद्युत चुंबकीय प्रेरण ⇒ माइकल फैराडे सन 1831 ईस्वी में यह दिखाया। कि किसी चुंबक तथा तार की दूरी को तेजी से बदला जाए, तब क्षण भर के लिए तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इस प्रवाहित धारा को प्रेरित धारा तथा इस घटना को विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहा जाता है।
Describe the working of direct current generator
2. विद्युत जनित्र क्या है ? इनकी कार्यों का वर्णन करें।
Ans ⇒ विद्युत जनित्र एक ऐसा यंत्र है। जिसके द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।
चित्र में, दिष्ट धारा जनित्र की संरचना को दर्शाया गया है। इसमें तांबे के तार के कुंडली नरम लोहे का क्रोड AB पर लपेटी गई है। जिसे आर्मेचर कहा जाता है। इस कुंडली को शक्तिशाली चुंबक NS के चुंबकीय क्षेत्र के बीच घुमाया जाता है। कुंडली के तार के दोनों छोर पर तांबे के विभक्त वलय C1 तथा C2 से जुड़े रहते हैं। दो कार्बन के बरस विभक्त बलय को स्पर्श करते हैं। कुंडली के घूर्णन और विभक्त वलय द्वारा प्रेरित धारा की दिशा में परिवर्तन के कारण प्रतिरोधक और लगातार एक ही दिशा में धारा प्रवाहित करता है। इस धारा को दिष्ट धारा तथा इस जनित्र को डायनेमो या दिष्ट धारा जनित्र कहा जाता है।
Note :- यदि विभक्त वलय के अस्थान पर दो सर्किल वलय C1 तथा C2 उपयोग किया जाए। तब धारा की दिशा आधे घूर्णन के बाद बदल जाएगी। इस प्रत्यावर्ती धारा जनित्र को एसी जनरेटर कहा जाता है।
दिष्ट धारा जनित्र की कार्यविधि का वर्णन करे
If you are preparing for class 10th. So here is a very Subjective Question Answer for you below. By reading this, you can improve your Matriculation 2023 preparation. Friends, this question is always asked in the matriculation board examination. So do watch it once. विधुत मोटर
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