Class 12th Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) 2024 ( 20 Marks ) PART – 3

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Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) | PART – 3

कक्षा 12 भूगोल का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024 पीडीएफ डाउनलोड

Q51. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को वर्गीकृत करें। (Classify industries on the basis of ownership.)

उत्तर स्वामित्व के आधार पर उद्योगों के निम्नलिखित चार वर्ग हैं  (i) सार्वजनिक (ii) निजी (iii) सहकारी और (iv) संयुक्त। ,


 

Q52. अलौह धातुओं के नाम बताएँ और उनके स्थानिक वितरण की चर्चा करें। (Name non-ferrous metals and discuss their distribution.)

उत्तर ⇒  अलौह धातुएँ वे धातु हैं, जिनमें लोहे का अंश नहीं होता, जैसे— बॉक्साइट, ताँबा. सोना, चाँदी, सीसा, जस्ता इत्यादि। इनमें बॉक्साइट और ताँबा के निक्षेप भारत में महत्त्वपूर्ण है।

बॉक्साइट बॉक्साइट का उपयोग एलुमिनियम बनाने में किया जाता है। उड़ीसा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है, जहाँ कालाहांडी और संभलपुर अग्रणी क्षेत्र हैं । बोलनगीर और कोरापुट अन्य क्षेत्र हैं। इनके अतिरिक्त झारखंड के लोहरदगा और पलामू, गुजरात के भावनगरऔर .जामनगर, छत्तीसगढ़ में अमरकंटक पठार, मध्यप्रदेश में कटनी, जबलपुर और बालाघाट और महाराष्ट्र के कोलाबा, थाणे, रत्नागिरी, सतारा, पुणे तथा कोल्हापुर महत्त्वपूर्ण उत्पादक हैं।

ताँबा ताँबा निक्षेप मुख्यतः झारखंड के सिंहभूम, मध्यप्रदेश के बाला घाट तथा राजस्थान के झुंझुनु एवं अलवर जिलों में पाये जाते हैं। ताँबा एक बहुत उपयोगी खनिज है, जिससे विद्युत् उपकरण, विद्यत की मोटरें, ट्रांसफार्मर, जेनरेटर्स इत्यादि बनता है।


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Q53. गुजरात के चार प्रमुख सती वस्त्र उद्योग केन्द्रों के नाम लिखें।  (Name four important centre of cotton textile Industry of Gujrat.)

उत्तर गुजरात ⇒ भारत का दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र उत्पादक राज्य है। अहमदाबाद सती-वस्त्रों की राजधानी है। इस नगर में 72 मिलें हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण केंद्र बड़ोदरा, सूरत, भावनगर, पोरबंदर, राजकोट तथा भड़ौच हैं।


Q54. सूती वस्त्रोद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताइये। वे किस प्रकार भिन्न हैं? (Name the two sectors of cotton textiles industry. How are they different ?)

उत्तर भारत में सूती वस्त्रोद्योग को दो सेक्टरों में बाँटा जा सकता है—संगठित सेक्टर आर विकेंद्रित सेक्टर

(i) संगठित सेक्टर⇒ इसके अंतर्गत मिल उद्योग आते हैं। मिल के द्वारा सूती वस्त्र का उत्पादन भी तीन सेक्टरों में होता है सार्वजनिक सेक्टर, सहकारी सेक्टर और निजी सेक्टर। 1998 ई० में भारत में 1782 मिलें थीं, जिनमें से 192 सार्वजनिक सेक्टर में, 151 सहकारी सेक्टर में और सबसे अधिक 1439 मिलें निजी सेक्टर में थी। संगठित सेक्टर के उत्पादनों में तेजी से कमी आई है। यह 20वीं शताब्दी के मध्य में 81% से घटकर 2000 में केवल 6% रह गया है।

(ii) विकेंद्रित सेक्टरविकेंद्रित सेक्टर के अंतर्गत हथकरघों (खादी सहित) और विद्युत् . करघों में उत्पादित कपड़ा आता है। विकेंद्रित बिजली करघा क्षेत्र देश की माँग पूरी करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश में उत्पादित सूती वस्त्र का 59.2% विकेंद्रित सेक्टर में विद्युत् करघों द्वारा और लगभग 19% हथकरघा द्वारा उत्पादित किया जाता है।


Class 12th Geography ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) 2024 ( 20 Marks ) PART – 3

Q55. “चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?” (Why is sugar industry a seasonal industry ?)

उत्तर भारत और अन्य ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में चीनी उद्योगों का कच्चा-माल गन्ना है। गन्ना एक भार ह्रास वाली फसल है। खेतों में काटकर एकत्रित करने से लेकर ढुलाई की अवधि तक इसमें सुक्रोज की मात्रा सूखती रहती है। गन्ने के खेत से काटने के 24 घंटे के अंदर तक ही पेरा जाए तो अधिक चीनी की मात्रा प्राप्त होती है। इस कारण गन्ने का भंडारण लंबे समय तक नहीं हो सकता है। गन्ना एक मौसमी फसल है, जिसे निश्चित अवधि में ही काटा जाता है। अतः गन्ने की पेराई की अवधि निश्चित होती है और चीनी मिले कुछ ही महीनों तक चलती है। इस कारण चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है।


Q56. पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा-माल क्या है? इस उद्योग के कुछ उत्पादों के नाम बताइये।  (What is the raw material base for petro-chemical industry ?

उत्तर पेट्रो-रसायन उद्योग का कच्चा-माल, कच्चा खनिज तेल या अपरिष्कृत पेट्रोल (crude petrol) है। कच्चे पेट्रोलियम से अनेक.वस्तुएँ प्राप्त की जाती हैं, जिनका अनेक नये उद्योगों में कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। इन सभी को सम्मिलित रूप से पेट्रो-रसायन उद्योग कहा जाता है। परंपरा के अनुसार पेट्रो-रसायन में अनेक उत्पाद जैसे प्लास्टिक, कृत्रिम धागे तथा उनसे बनी वस्तुएँ, कृत्रिम रबड, पटाखा इत्यादि को शामिल किया जाता है। पेट्रो-रसायन उद्योग से बनी अनेक चीजों का इस्तेमाल हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं। इनके कुछ उदाहरण हैं, कृत्रिम रेशम के कपडे, ट्थ-ब्रश, साबुनदानी, पेस्ट का ढक्कन, प्लास्टिक के मग, बाल्टी, रेडियो के केस, सनमाइका, डिटर्जेंट, बाल. प्वाइंट पेन, बिजली के स्विच, कीटनाशक, दूध की थैलियाँ इत्यादि।


Q57. आधुनिक निर्माण उद्योग की प्रमुख विशेषताएँ क्या है? (What are the special features of modern manufacturing industry ?)

उत्तर आधुनिक निर्माण उद्योग बड़े पैमाने के उद्योग होते हैं, जिनमें प्लांट और मशीनरी में भारी पूँजी लगी होती है और उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इन उद्योगों की अनेक विशेषताएं होती हैं, जिनमें उत्पादन की विधि में कौशल का विशिष्टीकरण, मशीनों का उपयोग, प्रौद्योगिकीय अभिनव परिवर्तन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों का सहयोग, उत्पादन का वाह्य
स्रोतीकरण, परिष्कृत और उच्चतम प्रौद्योगिकी के उत्पाद, भारी मात्रा में ऊर्जा का उपयोग, विशाल संगठन इत्यादि सम्मिलित है।


Q58. बंगलुरू भारत का सिलिकन सिटी है। क्यों? (Bengaluru is the silicon city of india. Why ?)

उत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका की सिलिकन घाटी उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है जिसमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्माण गहन शोध एवं विकास के प्रयोग के द्वारा किया जाता है। इसी प्रकार भारत में बंगलुरू सूचना प्रौद्योगिकी या उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग का मुख्य केन्द्र है, जहाँ देश का सर्वप्रथम सॉफ्टवेयर पार्क स्थित हैं।
यहाँ की देशी कंपनियों को अपनी गुणवता के कारण अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति मिली है। इसी कारण बंगलुरू को भारत का इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की राजधानी तथा सिलिकन सिटी कहा जाता हैं। .


Q59. लोहा-इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है, ऐसा क्यों? (The Iron & Steel Industry is basic to the industrial development of any
country. Why?

उत्तर लोहा-इस्पात उद्योग आधुनिक युग का आधारभूत उद्योग है। यह अन्य उद्योगों का जनक है। इससे विभिन्न कल-कारखानों के लिए मशीन एवं संयंत्र, कृषि के उपकरण तथा परिवहन के साधन बनाये जाते हैं। इसके विभिन्न उत्पाद अन्य उद्योगों के लिए कच्चा माल हैं। लोहे के उपयोग के बिना हम न तो ट्रैक्टर, ट्रेलर, थ्रेसर, हल, कुदाल इत्यादि कृषि के औजार बना सकते हैं और न रेल की पटरी, रेल के डिब्बे, इंजन, वायुयान, जलयान, मोटर गाड़ी, साइकिल इत्यादि परिवहन के साधन ही। भारतीय उद्योग के लगभग सभी सेक्टर अपनी मूल आधारित अवसंरचना के लिए मुख्य रूप से लोहा-इस्पात उद्योग पर निर्भर करते हैं। वास्तव में, लोहा-इस्पात उद्योग के विकास ने भारत में तीव्र औद्योगिक विकास के दरवाजे खोल दिए हैं। ..


कक्षा 12वीं भूगोल (लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर) 2024

Q60. नोएडा एवं बरौनी के महत्त्व का उल्लेख करें। (Mention the significance of NOIDA and BARAUNI.)

उत्तर नोएडा गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र है जो दिल्ली से सटे स्थित है।. यह छोटे और बाजार उन्मुख विद्युत, इंजीनियरिंग के हल्के सामान और इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में महत्त्वपूर्ण हैं। यह सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक में अपनी पहचान बना चुका है।
बरौनी बिहार में गंगा नदी के उत्तर स्थित है। यह दक्षिण और मध्य बिहार से राजेन्द्र पुल से जुड़ा हुआ है। यह एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केन्द्र है, जहाँ तेलशोधक कारखाना, पेट्रो-रसायन, ताप विद्युत, रासायनिक खाद और दुग्ध उद्योग विकसित है। यह उत्तर बिहार को एक महत्त्वपूर्ण रेलवे जंक्शन भी हैं।


Q61. जमशेदपुर एवं पुणे शहर के महत्त्व का उल्लेख करें। (Describe the importance of Jamshedpur and Pune town.)

उत्तर जमशेदपुर भारत का एक महत्त्वपूर्ण लौह-इस्पात उद्योग का केंद्र है। यह झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला में स्वर्ण रेखा और खरकई नदी के संगम पर तथा कोलकाता-मुम्बई रेलमार्ग पर लौह अयस्क, कोयला, चूना पत्थर, मैंगनीज इत्यादि खनिज पदार्थों के क्षेत्र में स्थित है। इस शहर म टिस्का (टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी), टेल्को (टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी लिमिटेड) इत्यादि स्थित है। यहाँ लोहा-इस्पात के अतिरिक्त, मध्यम तथा भारी व्यापारिक वाहन, रेल का इंजन इत्यादि का निर्माण होता है। पुणे महाराष्ट्र का एक महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र, दस लाखी नगर तथा औद्योगिक एवं शैक्षणिक नगर है। यह सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का केंद्र है।
यहाँ सती वस्त्र, चीनी, उत्तम कोटि के साबुन तथा डिटर्जेंट इत्यादि का निर्माण होता है। यह शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया है, जहाँ पुणे विश्वविद्यालय के अतिरिक्त अनेकों इंजीनियरिंग एवं अन्य तकनीकी संस्थान है। पुणा का फिल्म इंस्टीच्यूट बहुत प्रसिद्ध है।


Q62. भारत की 1991 ई० की नयी औद्योगिक नीति के तीन मुख्य उद्देश्यों को लिखिए। (Write three main aims of 1991 new industrial policy of India.)

उत्तर भारत की नयी औद्योगिक नीति की घोषणा 1991 ई० में की गई। इसके तीन मुख्य उद्देश्य थे

(i) अब तक प्राप्त किए गए लाभ को बढ़ाना
(ii) इसमें विकृति अथवा कमियों को दूर करना और
(iii) उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के लक्ष्य को ध्यान में रखकर उत्पादकता और लाभकारी रोजगार में स्वपोषित वृद्धि को बनाए रखना और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करना।


Q63. पत्तन और पोताश्रय में अंतर बताइए। (Distinguish between port and harbour.)

उत्तर पत्तन (Port) तट पर स्थित वह स्थान है, जहाँ गोदियाँ, जहाज घाट और लंगर डालने की सुविधाएँ होती हैं। यहाँ समुद्री मार्गों से भारी मात्रा में माल आता है, जिसको पृष्ठ प्रदेश में वितरित किया जाता है। पृष्ठ प्रदेश का माल भी यहाँ आता है और समुद्री मार्गों द्वारा उसे विदेशों या देश के अन्य समुद्री तटों पर भेजा जाता है।
इसके विपरीत पोताश्रय या बन्दरगाह (Harbour) समुद्र का आंशिक रूप से स्थल से घिरा भाग होता है, जैसे निवेशिका (Creek), ज्वारनदमुख (Estuary), समुद्र अंतर्गम (Inlet) इत्यादि। यह जहाजों को खुले समुद्र की तूफानी ऊँची-नीची और तेज गति वाली लहरों से सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। पोताश्रय प्राकृतिक भी होते हैं और कृत्रिम भी। प्राकृतिक बन्दरगाह के लिए तटरेखा का दंतुरित अथवा कटा-फटा होना जरूरी है। कृत्रिम बंदरगाह जल को दो ओर से घेर कर बनाया जाता है। बंदरगाह में जहाज मरम्मत के लिए कई दिनों तक खड़े रहते हैं।


Q64. जल परिवहन के क्या लाभ हैं? (What are the advantages of water transport?)

उत्तर जल परिवहन में मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता है, क्योंकि सागर या महासागर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसके रख-रखाव पर बहुत कम खर्च पड़ता है, केवल दोनों छोरों पर पत्तन बनाने और उनके रख-रखाव की आवश्यकता होती है। जल परिवहन की ऊर्जा लागत कम होती है। यह परिवहन बहुत सस्ता पड़ता है,
अतः लंबी दूरी तक भारी माल को ढोने में यह बहुत लाभदायक है।


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Q65. सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग से आप क्या समझते हैं? (What do you mean by information technology industry ?)

उत्तर सचना प्रौद्योगिकी उद्योग सूचना से संबंधित उद्योग है, जिसमें ट्राजिस्टर, टेलीविजन,टेलीफोन, पेजर, राडार, सैल्यलर टेलीकाम, लेजर, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्युटर का हार्डवेयर (यंत्र सामग्री) और सॉफ्टवेयर प्रक्रिया सामग्री इत्यादि का निर्माण होता है। ये सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद हैं। अतः इस उद्योग को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग भी कहते हैं। इसमें विशिष्ट नये, ज्ञान उच्च प्रौद्योगिकी और निरंतर शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता रहता है, अतः इसे उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग या ज्ञान पर आधारित उद्योग भी कहा जाता है।


Q66. जल संसाधन का संरक्षण जरूरी है। क्यों? (Conservation of water resources is necessary. Why?)

उत्तर तीव्र गति से जनसंख्या की वृद्धि उसकी माँग तथा जल के असमान वितरण के कारण जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता दिनों दिन कम होती जा रही है। इतना ही नहीं, सीमित उपलब्ध जल संसाधन औद्योगिक, कृषि और घरेलू निस्सरणों से प्रदूषित होता जा रहा है और जल की गुणवत्ता में हास हो रहा है। इस कारण उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता और सीमित होती जा रही है। लगभग 90% जल का उपयोग सिंचाई के लिए होता है। भारत के लगभग सभी राज्यों में सिंचित क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं के लिए संतुलित तथा पर्याप्त जल आपूर्ति के लिए जल का संरक्षण जरूरी है।


Q67. मेट्रो रेलवे क्या है? (What is Metro Railway ?)

उत्तर ⇒ मेट्रो रेल शहरी परिवहन की स्थानीय यातायात सेवा है, जिसमें गाड़ियाँ काफी तीव्र चलती हैं और लोगों को अपने गंतव्य स्थान पर समय से पहुँचाती है। यह भूमिगत भी होती है और भूमि के ऊपर पुल के सहारे भी चलती है। यह प्रदूषण को कम करती है और भीड़ वाले क्षेत्र से बचकर चलती है। भारत में कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई और चेन्नई में यह सेवा उपलब्ध है।


Q68. भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों के नाम बताइये। – (Name the ports located on western coast of India.)

उत्तर वर्तमान समय में भारत में 12 प्रमुख और 185 छोटे या मंझोले पत्तन हैं। देश के कुल महासागरीय यातायात का 75% इन 12 प्रमुख पत्तनों द्वारा होता है, और शेष 25% छोटे और मझोले पत्तनों द्वारा। भारत के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर ये पत्तन स्थित हैं। इसके पश्चिमी तट पर स्थित मुख्य पत्तन कांडला, मुंबई, न्हावा-शेवा (जवाहर लाल नेहरू), न्यू मंगलोर, मर्मागाव
और कोच्चि हैं।


Q69. भारतीय रेलवे की किन्हीं दो मुख्य समस्याओं का वर्णन करें। (Discuss any two main problems of Indian railways.)

उत्तर भारतीय रेलवे कई समस्याओं से ग्रस्त है। इनमें दो मुख्य समस्याएँ हैं

(i) रेलवे पटरी की चौड़ाई में विभिन्नता तथा
(ii) कहीं डीजल और कहीं विद्युत इंजनों का परिचालन। इनसे रेलों की गति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। छोटी लाइन से मीटर लाइन और बड़ी लाइन बदलने में तथा डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन लगाने में समय की बर्बादी होती है।


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Q70. भारत में वायु परिवहन के क्षेत्र में “एअर इंडिया” तथा “इंडियन’ के योगदान की विवेचना करें

उत्तर वायु परिवहन एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमनागमन का तीव्रतम और सबसे महंगा साधन है। 1953 ई० में राष्ट्रीयकरण के बाद भारत में वायु परिवहन का प्रबंधन दो निगमों एअर इंडिया और इंडियन एअरलाइंस द्वारा किया जाता है। इनके अतिरिक्त अनेक निजी कम्पनियाँ भी यात्री सेवाएँ देती हैं। किन्तु एअर इंडिया और इंडियन का योगदान वायु परिवहन के क्षेत्र में बहुत अधिक है। एअर इंडिया—यह यात्रियों और माल के परिवहन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करता है। यह विश्व के सभी महाद्वीपों से भारत को जोड़ता है। इंडियन-इंडियन एयर लाइंस को ही अब इंडियन के नाम से जाना जाता है। यह घरेलू वायु सेवाएँ प्रदान करता है और देश के विभिन्न नगरों को जोड़ता है।


Q71. मुख्य श्रमिक और सीमान्त श्रमिक में अंतर स्पष्ट करें। (Differentiate between main worker and marginal worker.)

उत्तर जो व्यक्ति एक वर्ष में 183 या इससे अधिक दिनों तक रोजगार पाता है, उसे मख्य । श्रमिक, और जो इससे कम दिनों तक रोजगार पाता है उसे सीमांत श्रमिक कहते हैं।


Q72. भारत के चार प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम लिखें। (Name four important nucleur power centres of India.)

उत्तर भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केंद्रों के नाम निम्नलिखित हैं-

(I) तारापुर (महाराष्ट्र),
(ii) रावतभाटा (कोटा के समीप राजस्थान),
(iii) कलपक्कम (तमिलनाडु),
(iv) नरोरा (उत्तरप्रदेश),
(v) कैगा (कर्नाटक) और
(vi) ककरापाड़ा (गुजरात)

इस समय इन छ: केंद्रों पर स्थित 14 युनिटों से परमाण ऊर्जा पैदा की जा रही है। ये केवल 16.9 अरब कि०वाट ऊर्जा का उत्पादन कर रहे हैं। यह भारत में उत्पादित कुल ऊजा का मात्र 3.4% है, परन्तु भविष्य में इसमें तीव्र गति से वृद्धि होने की संभावना है।


Q73. ऊर्जा के नवीकरणयोग्य तथा अनवीकरणयोग्य स्रोतों में अंतर स्पष्ट करें। (Distinguish between renewable and non-renewable sources of energy.)

उत्तर सतत् पोषणीय ऊर्जा के स्रोत को नवीनीकृत साधन कहते हैं। इन्हें अपरम्परागत स्रोत भी कहा जाता है। सौर, पवन, जल, भूतापीय ऊर्जा तथा जैवभार (बायोमास) असमाप्य, समान रूप से वितरित तथा पर्यावरण अनुकूल हैं और इन्हें नवीनीकृत करके बार-बार उपयोग किया जा सकता है। इसके विपरीत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा नाभिकीय ऊर्जा अनवीनीकृत तथा परम्परागत स्रोत हैं, जो समाप्य संसाधन हैं। एक बार प्रयोग करने के बाद ये समाप्त हो जाते हैं।


Q74.परमाणु ऊर्जा कैसे पैदा की जाती है? (How is atomic energy produced?).

उत्तर परमाणु के विखंडन द्वारा परमाण ऊर्जा पैदा की जाती है। इसे नाभिकीय ऊर्जा भी कहा जाता है, जो परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले महत्त्वपूर्ण खनिज यूरेनियम, थोरियम, वैनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट इत्यादि हैं। ये खनिज भारत के विभिन्न भागों में पाये जाते हैं। इनपर आधारित कई परमाणु ऊर्जा केन्द्र देश में स्थापित किए गए हैं, जिनमें तारापुर (महाराष्ट्र), रावत भाटा (राजस्थान), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश), कैगा (कर्नाटक) और ककरापाड़ा (गुजरात) मुख्य हैं।


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Q75. भारत में पवन ऊर्जा की संभावनाओं को लिखें।

उत्तर भारत में पवन ऊर्जा के विकास की अपार संभावनाएँ हैं। स्थायी वायु प्रणालियों और मानसून पवनों को ऊर्जा के स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनके अतिरिक्त स्थानीय हवाओं, स्थलीय और जलीय पवनों को भी विद्युत पैदा करने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। भारत के तटीय भागों में पवन तेज गति से चला करते हैं। अतः इसके पास एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसमें 45 मेगावाट की कुल क्षमता के लिए 250 वायुचालित टरबाइने स्थापित की जानी है जो 12 अनुकूल सागरतटीय क्षेत्रों में लगाई जाएगी। इससे भारत 3000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर सकेगा। खनिज तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए पवन ऊर्जा को विकसित किया जा रहा है।


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