जीत जीत मै निरखत हूँ Subjective Question Answer 2024 | Class 10 Hindi Jeet Jeet Mein Nirkhat hun Subjective Question 2024 Pdf

[ Class 10 Hindi Objective & Subjective Question Answer 2024 ] जीत जीत मै निरखत हूँ  :- मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए हिंदी गोधुली भाग 2 जीत जीत मैं निरखत हूँ लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर, अगर आप जीत जीत मैं निरखत हूँ का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन को भी पढ़ना चाहते हैं तो यहां पर Jeet Jeet mai nirkhat hun subjective question answer  भी दिया गया है और आप इस वेबसाइट से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न दिया गया है। जीत जीत मै निरखत हूँ Objective Question Paper 2024

NOTE…… बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 हिंदी जीत जीत मै निरखत हूँ का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024 को बिहार बोर्ड के ऑफिशियल गेस पेपर से अलग करके दिया गया है यह लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर आपके मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए संभावित प्रश्न उत्तर है इसलिए इसे ज्यादा से ज्यादा याद करने की कोशिश करें तभी आपको कक्षा 10 हिंदी में अच्छे नंबर से पास हो सकेंगे।

जीत जीत मै निरखत हूँ ( लघु उत्तरीय प्रश्न )

10th Class jeet jeet nirkhat hun subjective question 2024

[ 1 ] लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है ?

Ans :- लखनऊ बलरामपुर से बिरजू महाराज का पुराना संबंध था लखनऊ में इसका वंशज रहा करते थे। जबकि रामपुर में इनके पिता जी नौकरी किया करते थे।


[ 2 ] शंभू महाराज के साथ बिरजू महाराज के संबंध पर प्रकाश डालिए।

Ans :- शंभू महाराज बिरजू महाराज के चाचा थे। वह भी बिरजू महाराज का देखभाल अपने पुत्र के सम्मान करते थे।


[ 3 ] रामपुर के नवाब की नौकरी छूटने पर हनुमान जी को प्रसाद क्यों बढ़ाया ?

Ans :- एक  दिन रामपुर के नवाब के यहां उनकी नौकरी छूट जाती है। क्योंकि नौकरी के दौरान उन्हें बार-बार महाराज के सामने नाचना पढ़ता था। जिस काम से अब बिरजू महाराज को आराम मिल गया था। इसी से खुश होकर वह हनुमान जी पर प्रसाद चढ़ाते थे।


[ 4 ] नृत्य की शिक्षा के लिए पहले पहल बिरजू महाराज किस संस्था से जुड़े और वहां किन के संपर्क में आए हैं ?

Ans :- नैतिक शिक्षा के लिए पहले पहल बिरजू महाराज ने हिंदुस्तानी डांस म्यूजिक से जुड़े थे। जहां उनका संपर्क जोशी जी से हुआ था।


class 10 Jeet Jeet mai nirkhat hun subjective question answer

[ 5 ] बिरजू महाराज ने नृत्य की शिक्षा किसे और कब देने शुरू किए ?

Ans :- बिरजू महाराज ने नृत्य की शिक्षा एक छोटे लड़के के देना प्रारंभ किए तथा बदले में उन्हें 250 रुपया का महीना मिलता था।


[ 6 ] बिरजू महाराज के गुरु कौन थे ? उनका संक्षिप्त परिचय दें।

Ans :- बिरजू महाराज के गुरु उनके पिता जी ही थे पिताजी का स्वभाव सीधा साधा था। तथा ईमानदार भी थे। बिरजू महाराज के पिता इमानदार पुरुष के रूप में जाने जाते थे।


[ 7 ] अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते हैं ?

Ans :- बिरजू महाराज अपने विवाह के बारे में बताते हैं। कि जब मैं 18 वर्ष का था तब हमारे विवाह कर दी गई थी। जो मेरे जीवन का बहुत बड़ी गलती थी।


[ 8 ] बिरजू महाराज की अपने शागिर्दों के बारे में क्या राय है ?

Ans :- बिरजू महाराज की अपने शागिर्द ओं के बारे में कहना है, कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी पूर्वक कार्य का परिणाम सार्थक होता है।


[ 9 ] संगीत भारती में बिरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ?

Ans :- संगीत भारती ने बिरजू महाराज का दिनचर्या सुबह से लेकर शाम तक काफी व्यस्त कार्यक्रम था। सुबह से साइकिल से ट्यूशन पढ़ाने जाते थे। दोपहर में भोजन करके आराम करते थे। तथा रात्रि में नृत्य का अभ्यास करते थे।


[ 10 ] बिरजू महाराज कौन-कौन से वाद बजाते थे ?

Ans :- बिरजू महाराज नृत्य के अलावा तबला बजाना, हारमोनियम बजाना, तथा सितार बजाना एवं गाना गुनगुनाना जानते थे।


Bihar board class 10 Hindi Jeet Jeet Mein Nirkhat hun subjective

[ 11 ] कोलकाता के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के निरीक्षक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?

Ans :- कोलकाता के दर्शकों ने बिरजू महाराज के डांस को देखकर खूब प्रशंसा की है। तमाम समाचार पत्रों में वे छप और छा गए थे। वहीं से इनके जीवन में एक नया मोड़ आया। उस समय से वे निरंतर प्रगति के शिखर की ओर बढ़ने लगे।


[ 12 ] पंडित बिरजू महाराज के बचपन के बारे में संक्षेप में लिखें।

Ans :- पंडित बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ के जफरीन अस्पताल में 1938, 4 फरवरी, शुक्रवार, सुबह 8 बजे ठीक वसंत पंचमी के एक दिन पहले हुआ। घर में वह आखिरी संतान थे। इनकी तीन बहनें थीं। सबसे छोटी बहन पंडित बिरजू महाराज से आठ-नौ साल बड़ी थी।


[ 13 ] पाठ के आधार पर पंडित बिरजू महाराज के जीवन के दुखद क्षणों का वर्णन करें।

Ans :- इस पाठ में पंडित बिरजू महाराज ने अपनी जीवन के दु:खद क्षणों में पैसा नहीं था का वर्णन किया है। वे अपने पिता का दसवाँ करने के लिए असमर्थ थे। किसी तरह पंडित बिरजू महाराज को दो प्रोग्राम मिले जिसमें उन्हें 500 रुपये प्राप्त हुए। उन्हीं पैसों से उन्होंने अपने पिताजी का दसवाँ और तेरहीं कर सके। यह क्षण बहुत ही दुःखद था।


[ 14 ] बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अपनी माँ को क्यों मानते है ?

Ans :- बिरजू महाराज की अम्मा लखनऊ घराने के बुजुर्गो की तारीफ कर उनके सामने उदाहरण दिया करती थी। इन्होंने ठुमरी अपनी अम्मा से ही सीखा था। पिता जी के निधन के बाद बिरजू महाराज को आगे बढ़ाने में बहुत बड़ा हाथ था। जब भी अम्मा नाच देखती थी तो बिरजू महाराज पूछते थे कि कही गलत तो नहीं कर रहा हूँ? बाबू जी वाला ढंग है या नहीं। कहीं गड़बड़ी तो नहीं हो रही। तब अम्मा बताती थी, तुम अपने बाबू जी की तस्वीर हो। इस प्रकार अम्मा इनका उत्साहवर्द्धन करते रहती थी। इसलिए बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज अपनी माँ को मानते थे।


कक्षा 10 जीत जीत मैं निरखत हूँ सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर

[ 15 ] महाराज की अपने शागिर्दो के बारे में क्या राय है?

Ans :- बिरजू महाराज अपनी शिष्या रश्मि वाजपेयी को भी अपना शागिर्द मानते हैं। वे उन्हें शाश्वती कहते हैं। इसके साथ-साथ वैरोनिक, फिलिप, मेक्लीन टॉक, तीरथ ] प्रताप, दुर्गा इत्यादि को उन्होंने प्रमुख शागिर्द बताया है। वे लोग नृत्य के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं और प्रगतिशील बने हुए हैं।


[ 16 ] बिरजू महाराज के गुरु कौन थे ? उनका संक्षिप्त परिचय दें।

Ans :- बिरजू महाराज के गुरु उनके पिताश्री ही थे। बिरजू महाराज को तालीम बाबूजी से ही मिली। उन्होंने ही बिरजू महाराज को गण्डा बाँधा। वे उत्कृष्ट स्वभाव के थे। वे अपना कष्ट किसी के समक्ष प्रकट नहीं करते थे। वे कलाप्रेमी थे। जब बिरजू महाराज साढ़े नौ साल के थे, उसी समय बाबूजी का निधन हो गया।


[ 17 ] बिरजू महाराज के हक में क्या अच्छा हुआ ?

Ans :- बिरजू महाराज के हक में यह अच्छा हुआ कि वे धन-कमाने के लोभ से मुंबई नहीं गए और घर-परिवार चलाते हुए भी वे अपनी कला-साधना के प्रति आस्थावान् बने रहे।


[ 18 ] बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज किसको मानते थे ?

Ans :- बिरजू महाराज अपना सबसे बड़ा जज ] (मूल्यांकनकर्ता) अपनी अम्मा का मानते हैं । जब वे नाचते थे तो उनकी अम्मा देखती थी। वे अपनी अम्मा से अपनी कमी और अच्छाई के बारे में प्रश्न किया करते थे। अम्माजी ने पिताश्री से तुलना – कर इसमें निखार-सुधार लाने को कहा।


[ 19 ] किनके साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला ?

Ans :- शंभु महाराज चाचाजी और बाबूजी के साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला। चाचाजी कहने लगे देख भैया बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे मियाँ सुभान अल्लाह। बिरजू महाराज बहुत खुश हुए।


जीत जीत में निरखत हूं | Subjective Question 2024

[ 20 ] अम्माजी को किस बात का दुःख था ?

Ans :- बिरजू महाराज अपनी माँ के साथ दरियागंज में जैन साहब के दुछती मकान में रहते थे। उनकी माँ को इस बात का दु:ख था कि उनके लड़के को जैन साहब के मकान में रहने के कारण खाने के लिए प्याज नहीं मिल रहा था।


[ 21 ] बिरजू महाराज रास्ता क्यों भूल जाते थे ?

Ans :- बिरजू महाराज एक महीने तक रास्ता ही भूल जाते थे। चारों तरफ एक-से संभे होने के कारण उन्हें प्रायः भ्रम हो जाया करता था और वे रास्ता भूल जाया करते थे।


[ 22 ] पाठ के आधार पर पंडित बिरजू महाराज की विशेषताएँ बताइए।

Ans :- पंडित बिरजू महाराज कथक के महान साधक हैं। उनकी एकांत निष्ठा, अथक साधना और सर्जनात्मक कल्पनाशीलता बेमिसाल है। वे कथक के लालित्य के कवि हैं। उन्होंने अपनी कलासाधना से सिद्ध किया कि हमारी शास्त्रीय कला जड़ नहीं अपितु जीवंत है।


[ 23 ] व्याख्या करें।

(क) ₹500 देकर मैंने गंडा बँधवाया ।

Ans :- प्रस्तुत पंक्तियां गोधूलि भाग 2 जीत जीत मायने रखत हूं पंडित बिरजू महाराज के द्वारा रचित साक्षात्कार से ली गई है। कवि के अनुसार जब इनके पिता की नौकरी छूट जाती है तब वह काफी खुश होते हैं क्योंकि अब उन्हें महाराज के सामने नाचना नहीं पड़ेगा इस खुशी में वह ₹5 देकर गंडा बनवाया था।


(ख) मैं कोई चीज चुराता नहीं हूं, कि अपने बेटे के लिए यह रखना है इसको सिखाना है।

Ans :- प्रस्तुत पंक्ति गोधूलि भाग 2 के जीत जीत मैंने खत हूं साक्षात्कार से ली गई है।
कवि के अनुसार बिरजू महाराज के पिता अपने भाई संभू महाराज को बताते हैं। कि मेरे जाने के बाद मेरे बेटो पर ध्यान देना। तथा कवि भी इसे शिक्षा देने से जी नहीं चुराया


Class 10th जीत जीत मै निरखत हूँ। का Subjective Question Answer

(ग) मैं तो बेचारा इसका असिस्टेंट हूं इस नाचने वाले का

Ans :- प्रस्तुत पंक्तियां हिंदी गोधूलि भाग 2 पंडित बिरजू महाराज के द्वारा रचित जीत जीत मैं निरखत हूं से ली गई है।
कवि के अनुसार पंडित बिरजू महाराज कहते हैं, कि मैं नाचने वाला नहीं बल्कि नाचने वाला असिस्टेंट हूं मेरा गुरु तो मुझ से 100 गुना अच्छा नृत्य करते हैं।

कक्षा 10 गोधूलि भाग 2 हिंदी लघुत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024

 S.N  Matric Exam 2024 Bihar Board 
1. SOCIAL SCIENCE ( सामाजिक विज्ञान )
2. SCIENCE ( विज्ञान )
3. HINDI ( हिन्दी )
4.  SANSKRIT ( संस्कृत )
5. ENGLISH ( इंग्लिश )
6. MATH ( गणित ) 
7. Bihar Board Matric Exam 2024