Bihar Board Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) 2024 ( Part – 3) | कक्षा 12 राजनीति विज्ञान लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024

अगर आप कक्षा बारहवीं के छात्र हैं और इस बार इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपके लिए कक्षा 12 राजनीतिक शास्त्र का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024 दिया हुआ है जो कि आने वाले इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और साथ में यहां पर ( Inter Board Exam 2024 Political Science Question Answer ) बिहार बोर्ड कक्षा 12 राजनीतिक शास्त्र का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर भी मिल जाएगा।

दोस्तों यह सभी प्रश्न आपके इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है राजनीति शास्त्र का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर इसलिए इन सभी प्रश्नों को याद जरूर करें तथा अपने कॉपी में लिख ले ताकि आने वाले इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।

राजनीतिक शास्त्र ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) |PART – 3

Bihar Board Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) 2024

Q.62. पंचशील संधि के पांच सिद्धांत कौन-से हैं ?

Ans :-  पंचशील के पांच सिद्धान्त निम्नलिखित हैं-
(i) एक दूसरे की सम्प्रभुता व प्रादेशिक  अखण्डता का आदर करना,
(ii) आक्रमण न करना,
(iii) एक-दूसरे के घरेलू मामलों में हस्तक्षेपन करना,
(iv) समानता और परस्पर लाभ,
(v) शांतिपूर्ण सहअस्तित्व।


Q.63. सार्क क्या है ?

Ans :- दक्षिण एशिया के राष्ट्रों के मध्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक क्षेत्रीय संगठन की स्थापना की गयी जिसे दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ दक्षेस या सार्क कहा जाता है। यह विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश है जो गरीबी, अशिक्षा और कुपोषण की समस्या से पीड़ित है। सार्क में सात देश-भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंकाऔर मालदीव हैं। अभी हाल ही में अफगानिस्तान इसमें शामिल हुआ है।


Q.64. गुट निरपेक्ष आंदोलन क्या है ?

Ans :- गुटनिरपेक्षता (Non-allignment)-दूसरे विश्वयुद्ध के पश्चात् विश्व दो गुटों में -विभाजित हो गया। इसमें एक पश्चिम देशों का गुट था और दूसरा साम्यवादी देशों का। दोनों महाशक्तिया ने भारत को अपने पीछे लगाने के काफी प्रयास किए, परंतु भारत ने दोनों ही प्रकार के सैनिक गुटों से अलग रहने का निश्चय किया और तय किया कि वह किसी सैनिक गठबंधन का सदस्य नहीं बनगा। स्वतंत्र विदेश नीति अपनाएगा और प्रत्येक राष्ट्रीय महत्त्व के प्रश्न पर स्वतंत्र तथा निष्पक्ष रूप से विचार करेगा। यही गुटनिरपेक्षता है।


Q.65. भूमण्डलीकरण क्या है ?

Ans :- भूमण्डलीकरण व्यापार और विनिमय के अवरोध समाप्त कर विश्व अर्थव्यवस्था में एकीकरण करता है। यह नव उदारतावाद का परिणाम है। वर्तमान में महाशक्तियाँ और उनसे जुड़ी वित्तीय और बहुराष्ट्रीय संस्थाएँ एक नई अर्थव्यवस्था लाना चाहती हैं। भूमंडलीकरण मुक्त बाजार की स्थिति में विश्व की अर्थव्यवस्थाओं के एकीकरण की प्रक्रिया है। मुक्त बाजार में व्यापार और पूँजी का मुक्त प्रवाह होता है तथा लोगों का राष्ट्रीय सीमाओं के पार आना-जाना शामिल है। भूमंडलीकरण की पहचान नई विश्व-व्यापार व्यवस्था तथा व्यावसायिक बाजारों के खुलने से है। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी ने भूमंडलीकरण के प्रसार में काफी मदद की है। सूचना प्रौद्योगिकी के विकास ने भूमंडलीकरण को आसान बना दिया है।


Q.66. वायु प्रदूषण पर एक टिप्पणी लिखें।

Ans :- वायु में अवांछित पदार्थों का मिश्रित हो जाना वायु प्रदूषण कहलाता है। धुआँ, धूल, . हानिकारक गैसें वायु में मिलकर इसे प्रदूषित करती हैं। प्रदूषित वायु के सेवन से दमा, हृदय रोग एवं कैंसर जैसे भयानक रोग फैल जाते हैं।


Q.67. शीतयुद्ध के दौरान महाशक्तियों द्वारा बनाए गए किन्हीं दो सैन्य संगठनों के नाम लिखिए। सैन्य संधियाँ किस सिद्धांत पर आधारित थीं ?

Ans :-1. नाटो- 1949 में अमरीका के नेतृत्व में साम्यवाद को रोकने के लिए नाटो का गठन किया गया था। अब नाटो के सदस्यों को ‘शांति का भागीदार’ कहा जाता है।
2. वारसा- सोवियत संघ के नेतृत्व में 1955 में वारसा संधि का गठन हुआ इसका उद्देश्य सदस्य देशों को अमेरिका प्रभुत्व से बचाना था। इसमें पोलैण्ड, हंगरी, पूर्वी जर्मनी, बुल्गारिया आदि देश शामिल थे। ये सैन्य संधियाँ आत्मरक्षा के लिए की गई थी। सदस्य राष्ट्र अपने आर्थिक, राजनीतिक सामरिक हितों को देखते हुए सैनिक गुटों में शामिल हुए। ये संधियाँ सामूहिक सुरक्षा पर आधारित थी।


Q. 68. विश्व बैंक के प्रमुख कार्य क्या है ?

Ans :-विश्व बैंक के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

(i) सदस्य देशों के प्रदेशों के पुनर्निर्माण व विकास में सहायक होना।
(ii) ऋण व अन्य उपनिवेशों में सहभागिता के आधार पर प्रत्याभूतियाँ देना व उनके विदेशी निजी निवेशकों को प्रोत्साहन देना।
(iii) विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशों को प्रोत्साहित करना ताकि उत्पादकता; जीवन स्तर व श्रम की दशाएँ ऊँची हो।


Q.69. नर्मदा बचाओ आंदोलन क्या था ?

Ans :-

(i) लोगों द्वारा 2003 ई. में स्वीकृति राष्ट्रीय पुनर्वास नीति को नर्मदा बचाओ जैसे सामाजिक आंदोलन की उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। परन्तु असफलता के साथ ही नर्मदा बचाओ आंदोलन को बाँध के निर्माण पर रोक लगाने की मांग उठाने पर तीखा विरोध भी झेलना पड़ा है।
(ii) आलोचकों का कहना है कि आंदोलन का अड़ियल रवैया विकास की प्रक्रिया, पानी की उपलब्धता और आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को बाँध का काम आगे बढ़ाने की हिदायत दी है लेकिन साथ ही उसे यह आदेश भी दिया गया है कि प्रभावित लोगों का पुनर्वास सही ढंग से किया जाए।

(iii) नर्मदा बचाओ आंदोलन, दो से भी ज्यादा दशकों तक चला। आंदोलन ने अपनी माँग रखने के लिए हरसंभव लोकतांत्रिक रणनीति का इस्तेमाल किया। आंदोलन ने अपनी बात. न्यायपालिका से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मंचों तक से उठायी। आंदोलन की समझ को जनता के सामने रखने के लिए नेतृत्व ने सार्वजनिक रैलियों तथा सत्याग्रह जैसे तरीकों का भी प्रयोग किया परंत विपक्षी दलों सहित मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के बीच आंदोलन कोई खास जगह नहीं बना
पाया।
(iv) वास्तव में, नर्मदा आंदोलन की विकास रेखा भारतीय राजनीति में सामाजिक आंदोलन और राजनीतिक दलों के बीच निरंतर बढ़ती दूरी को बयान करती है। उल्लेखनीय है कि नवें दशक के अंत तक पहुँचते-पहुँचते नर्मदा बचाओ आंदोलन से कई अन्य स्थानीय समूह और आंदोलन भी आ जुड़े। ये सभी आंदोलन अपने-अपने क्षेत्रों में विकास की वृहत परियोजनाओं का विरोध करते थे। इस समय के आस-पास नर्मदा बचाओ आंदोलन देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे समधर्मा आंदोलनों के गठबंधन का अंग बन गया।


Q.70. दक्षेस क्या है ?

Ans :- दक्षेस (South Asian Association of Regional Co-operation) आठ दक्षिण एशियाई देशों का समूह है। इसका 16वाँ शिखर सम्मेलन भूटान की राजधानी थिम्पू में 28-29 अप्रैल, 2010 को संपन्न हुआ। इस संगठन में भारत, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका एवं बांग्लादेश सदस्य हैं। इसकी स्थापना 8 दिसंबर, 1985 में हुई थी।


Bihar Board Political Science ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) 2024

Q.71. बहुदलीय व्यवस्था क्या है ?

Ans :- बहुत से दलों के सहयोग से प्रशासन चलाना बहुदलीय व्यवस्था है। भारत में काँग्रेस गठबंधन बहुदलीय व्यवस्था द्वारा सरकार चला रही है। बिहार सरकार भी गठबंधन व्यवस्था से सरकार चला रही है।


Q.72. प्रत्यक्ष प्रजातंत्र से आप क्या समझते हैं ?

Ans :-जब जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन में भाग लेकर सरकार चुनी जाए तब उसे प्रत्यक्ष प्रजातंत्र कहते हैं। भारत में प्रत्यक्ष प्रजातंत्र है। यहाँ जनता को मतदान का अधिकार प्राप्त है। वह अपनी मर्जी से अपना सांसद एवं विधायक चुनती है।


Q.73. “चिपको आंदोलन’ पर टिप्पणी लिखें।

Ans :- उत्तराखण्ड के दो-तीन गाँवों से प्रारम्भ हुए इस आंदोलन की शुरुआत ‘अंगू’ के पेड़ काटने के मुद्दे पर हुआ। ग्रामीणों को खेती भूमि में विकास के लिए अंगू वृक्ष काटने की अनुमति को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया। वहीं सरकार ने खेल का सामान बनाने वाली कम्पनी की अंगू वृक्षों को काटने का ठेका दे दिया। इसी मुद्दे ने ‘चिपको आंदोलन’ को जन्म दिया।
इस आंदोलन ने आर्थिक शोषण से जुड़े अन्य मुद्दों को भी अपने उद्देश्यों में शामिल कर लिया। आंदोलन का उद्देश्य था-जल, जंगल और जमीन पर एकमात्र नियंत्रण स्थानीय लोगों का हो। स्थानीय भूमिहीन वनकर्मियों ने आर्थिक मुद्दा उठाया एवं न्यूनतम मजदूरी की गारंटी माँगी। बाहरी ठेकेदारों द्वारा स्थानीय निवासियों को दिए जाने वाली शराब के कारण शराबी बन रहे लोगों की शराबखोरी पर महिलाओं ने आवाज उठाई। परिणामस्वरूप आंदोलन के कारण अगले 15 वर्ष तक वनों की कटाई पर सरकार ने रोक लगा दी।


Q.74. भूमण्डलीय तापन क्या है ?

Ans :- विज्ञान के बढ़ते कदम से कल-कारखानों, मोटरवाहनों में काफी बढ़ोतरी हुई। इनके द्वारा उत्पन्न धुआँ गर्म वाष्प एवं ताप वातावरण को प्रभावित करता है। इसके कारण धरती का ताप काफी __ बढ़ गया है। धरती के ऊपर धुआँ एवं धूलकणों की परत से धरती की गर्मी अंतरिक्ष में नहीं पहुंच रही
है। फलत: धरती हरित-गृह प्रभाव के कारण गर्म होती जा रही है। भूमंडलीय तापन इसी का नाम है।


Q.75. “सामूहिक सुरक्षा’ से आप क्या समझते हैं ?

Ans :- सामूहिक वर्ग को खतरे से आज़ादी सामूहिक सुरक्षा है। मानव का अस्तित्व और देश का जीवन खतरों से भरा होता है। इस खतरे से मुक्ति का मतलब होता है सामूहिक सुरक्षा।


Q.76. किन्हीं पाँच मानव अधिकारों के नाम लिखिए।

Ans :- मानव अधिकारों के घोषणा-पत्र में 20 मानव अधिकारों की सूची सम्मिलित है जिनमें से कुछ महत्वपुर्ण अधिकार निम्नलिखित हैं
1. जीवन की सुरक्षा व स्वतंत्रता का अधिकार्
2. दासता व बंधुआ मजदूरी से स्वतंत्रता का अधिकार।
3. स्वतंत्र न्यायपालिका से न्याय प्राप्त करने की स्वतंत्रता का अधिकार।
4. विवाह करने व पारिवारिक जीवन का अधिकार।
5. कहीं भी आने-जाने व घूमने-फिरने की स्वतंत्रता का अधिकार।


Q.77. एकध्रुवीय व्यवस्था और द्विध्रुवीय व्यवस्था क्या है ?

Ans :- एकध्रुवीय व्यवस्था और द्विध्रुवीय व्यवस्था 1991 में सोवियत रूस के बिखर जाने के बाद विश्व की व्यवस्था पूँजीवादी ग्रुप अमेरिका के नेतृत्व में एकध्रुवीय व्यवस्था बन गई है जो आज भी कायम है।
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व दो गुटों में विभक्त होकर द्विध्रुवीय व्यवस्था में परिणत हो गया। पूँजीवादी गुटों के देशों का नेतृत्व अमेरिका द्वारा और साम्यवादी देशों का नेतृत्व सोवियत रूस के द्वारा होने लगा।


Q.78. वामपंथी दल से क्या समझते हैं ?

Ans :-भारतीय राजनीति में काँग्रेस के विरुद्ध साम्यवादी दल, मार्क्सवादी दल को वामदल की संज्ञा दी जाती है। यह दल अपने कार्यक्रमों के माध्यम से गरीब, दलित, शोषित एवं सर्वहारा दल के हित की रक्षा के लिए यह दल कार्यरत रहता है। यह दल पूँजीपतियों के खिलाफ है। एक लम्बे समय तक पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा आदि राज्यों के शासन में इसकी भूमिका प्रमुख थी।


Q.79. बिमारू राज्यों का क्या अर्थ है ?

Ans :- भारत में वैसे राज्य जो आर्थिक, दृष्टिकोण से पिछड़े हुए हैं। वहाँ पर लोगों में शिक्षा . की कमी, बेरोजगारी, महिलाओं की आर्थिक स्थिति दयनीय है। इसका उदाहरण उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम के समीपवर्ती राज्य एवं बिहार का भी कुछ हिस्सा बिमारू राज्य के श्रेणी में आता है।


Q. 80. राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों में क्या अन्तर है ?

Ans :- जो दल राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव जीतकर संसद में आता है उसे राष्ट्रीय दल की संज्ञा दी जाती है। इसमें कुल मतदान का कुछ प्रतिशत निर्धारित रहता है। भारत में भाजपा, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, कम्युनिष्ट पार्टी एवं तृणमुल दल राष्ट्रीय दल है। – जो दल. क्षेत्रीय स्तर पर या प्रान्तीय स्तर पर जीत प्राप्त कर संसद या विधानमंडल की सदस्यता प्राप्त करता है उसे क्षेत्रीय दल की संज्ञा दी जाती है। बिहार में जनता दल य. राजद एवं उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा आदि दल क्षेत्रीय दल में आते हैं।


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Q.81. राज्य और संघशासित राज्य में क्या अन्तर है ?

Ans :- भारत में संघीय प्रणाली को अपनाकर शासन संचालित किया जाता है। संघ एवं राज्य के क्षेत्रों को विभक्त कर शासन चलाया जाता है। राज्य शासन का वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री होता है। जैसे बिहार, यू०पी०, बंगाल आदि राज्य हैं। अभी भारत में 28 राज्य है। भारत के कुछ क्षेत्रों में संघशासित राज्य है जिसका प्रधान लेफ्टीनेंट गवर्नर जनरल होता है। वह केन्द्र सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है। भारत में संघशासित राज्यों की संख्या 9 है। जिसमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर और लद्दाख आदि राज्य संघशासित राज्य हैं।


Q. 82. मोदी का नोटबन्दी प्रोग्राम क्या है ?

Ans :- भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवम्बर, 2016 के एक घोषणा द्वारा यह कहा कि आज से भारत में 500 और 1000 के पुराने नोट नहीं चलेंगे। मोदी का यह एक क्रान्तिकारी फैसला था। इससे देश में काला धन पर रोक के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों पर भी लगाम लगाया जा सकता है। किन्तु पुराने नोट भी 31 दिसम्बर, 2016 तक बैंकों और पोस्टऑफिस में बदला जा सकता है। इतना ही नहीं 31 मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक में उचित कारण देकर पुराने नोट बदले जायेंगे।


Q.83. मोदी का सर्जिकल स्ट्राइक क्या है ?

Ans :- पाकिस्तान द्वारा शुरू से लेकर आज तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादियों द्वारा भारतीय सीमा में प्रवेश कर निरपराध भारतीयों की हत्या की जा रही है। इतना ही नहीं भारतीय सीमा में घुसकर लगभग 20 भारतीय जवानों को मौत के घाट उतार कर आतंकवादी पाक सीमा में घुस गये। इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री मोदी ने जांबाज भारतीय सैनिकों को पाक में भेजकर सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को मारकर पुनः वापस आ गये। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों द्वारा 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में 40 सैनिकों को मार दिये जाने के बाद 26 फरवरी, 2019 को सर्जिकल स्ट्राइक II द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटर पर हवाई हमलों द्वारा करीब 300 पाक आतंकवादियों को मारकर भारतीय सैनिक वापस लौट
आया।


Q.84. सुरक्षा से जुड़े केन्द्रीय मूल्यों (या चीजों) का उल्लेख कीजिए।

Ans :- सुरक्षा के केन्द्रीय मूल्य (Central Values or things of Security)-आदमी जब भी अपने घर से बाहर कदम निकालता है तो उसके अस्तित्व अथवा जीवनयापन के तरीकों को किसी न किसी अर्थ में खतरा जरूर होता है। यदि हमने खतरे का इतना व्यापक अर्थ लिया तो फिर हमारी दुनिया में हर घड़ी और हर जगह सुरक्षा के ही सवाल नजर आयेंगे।
इसी कारण जो लोग सुरक्षा विषयक अध्ययन करते हैं उनका कहना है कि केवल उन चीजों को – ‘सुरक्षा’ से जुड़ी चीजों का विषय बनाया जाय जिनसें जीवन के ‘केन्द्रीय मूल्यों’ को खतरा हो। तो फिर सवाल उठता है कि किसके केन्द्रीय मूल्य ? क्या पूरे देश के ‘केन्द्रीय मूल्य’ ? आम स्त्री-पुरूषों के केन्द्रीय मूल्य ? क्या नागरिकों की नुमाइंदगी करने वाली सरकार हमेशा केन्द्रीय मूल्यों’ का वही अर्थ ग्रहण करती है जो कोई साधारण नागरिक ?


Q.85. द्वि-राष्ट्र सिद्धांत क्या है ?

Ans :- शीत युद्ध के समय (1945-91) में दो अलग-अलग गुटों में विश्व विभक्त था। एक का नेतृत्व सोवियत संघ तो दूसरे का अमेरिका कर रहा था। इसे ही द्विध्रुवता कहा जाता है। वैसे राष्ट्र जो – दोनों ध्रुवों से जुड़े थे द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त के पोषक थे। द्वि-राष्ट्र सिद्धांत दो मतों, दो प्रभावों एवं दो ध्रुवों
के मत को मानते थे।


Q.86. भारतीय राजनीति में ‘काँग्रेस प्रभुत्व’ से आप क्या समझते हैं ?

Ans :- स्वतंत्र भारत के प्रथम आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की जीत सुनिश्चित थी। इसका कारण था कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की भूमिका काफी सराहनीय थी। परिणामस्वरूप 1952 के आम चुनाव में कुल 489 सीटों में 364 सीटें काँग्रेस पार्टी ने जीती। 1957 में देश का दूसरा आम चुनाव हुआ। इस आम चुनाव में भी लोकसभा के लिए निर्धारित 494 स्थानों में काँग्रेस को 371 स्थान प्राप्त हुए। इतनी बड़ी संख्या में लोक सभा में काँग्रेस की जीत से काँग्रेसी नेता काफी खुश थे और ऐसा लगने लगा कि अगले कई दशकों में काँग्रेस के प्रभुत्व में शायद हा कमी आए। लेकिन धीरे-धीरे काँग्रेस के प्रभत्व में कमी आती गई। 1962 के आम चुनावों में भी लोकसभा के 494 स्थानों में काँग्रेस को 361 स्थान मिले। उल्लेखनीय है कि इन तीनों आम चुनावों में काँग्रेस पार्टी भारतीय राजनीति पर हावी रही।


Q.87. स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष कौन-सी चुनौतियाँ थीं ?

Ans :- भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था। आजाद हिन्दुस्तान के शुरुआती कुछ साल चनौतियों से भरे थे-
(i) सबसे बड़ी चुनौती राष्ट्रीय एकता और अखण्डता की थी। देशी रियासतों का भारत संघ में शामिल करने का मामला तुरंत हल करना जरूरी था।
(ii) आजादी मिलने के साथ-साथ देश का विभाजन भी हुआ। इस बँटवारे के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई; लोग विस्थापित हुए। उन्हें पुनः बसाना एक बड़ी चुनौती थी।
(iii) देश विभाजन, विस्थापन आदि के कारण धर्मनिरपेक्ष भारत की धारणा पर ही आँच आने लगी थी। संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित कर इस चुनौती को हल कर लिया गया।


Q.88. आर्थिक न्याय से आप क्या समझते हैं ?

Ans :- आर्थिक न्याय का आशय है कि नागरिकों को धन प्राप्त करने तथा जीवन की समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उस धन का उपयोग करने का समान अवसर उपलब्ध हो। लोगों की न्यूनतम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साधन और अवसर उपलब्ध होने चाहिए। आर्थिक न्याय
का एक अन्तर्निहित तथ्य यह भी है कि समाज को अपने इस कमजोर, असहाय वर्ग की सहायता करनी – चाहिए, जो धनोपार्जन करने में असमर्थ हैं। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य और योग्यता के अनुसार काम के अवसर उपलब्ध हों, सबल पक्षों द्वारा निर्बल पक्षों का शोषण न हो। वास्तव में आर्थिक न्याय की कल्पना साकार होने के लिए यह आवश्यक है कि राष्ट्र की संपत्ति और आय में सब समान रूप से भागीदार हों।


Q.89. लोक अदालत से आप क्या समझते हैं ? संक्षेप में बताइए।

Ans :- लोक अदालत किसी कानूनी विवादों के मैत्रीपूर्ण समाधान के लिए एक वैधानिक मंच है। इसको स्थापित करने का मूल कारण यह है कि लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। लोक अदालत में वे सारे कानूनी विवाद मैत्रीपूर्ण समझौते के लिए लाए जा सकते हैं जो फौजदारी, दीवानी तथा राजस्व अदालतों में लम्बित होते हैं। इस अदालत की विशेष बात है कि उसके द्वारा दिये गये निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं की जा सकती है। देश के सभी जिलों में स्थायी तथा सतत अदालत स्थापित की गई है।


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Q.90.सुरक्षा नीति का संबंध किससे होता है ? इसे क्या कहा जाता है ? इसे रक्षा कब कहा जाता है ?

Ans :- युद्ध में कोई सरकार भले ही आत्मसमर्पण कर दे लेकिन वह इसे अपने देश की नीति के रूप में कभी प्रचारित नहीं करना चाहेगी। इस कारण, सुरक्षा-नीति का संबंध युद्ध की आशंका को रोकने में होता है जिसे ‘अपराध’ कहा जाता है और युद्ध को सीमित रखने अथवा उसको समाप्त करने से होता है जिसे रक्षा कहा जाता है।


Q.91. हरित क्रांति क्या है ?

Ans :- सरकारी खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि की एक नई रणनीति अपनाई। जो इलाके अथवा किसान खेती के मामले में पिछड़े हुए थे। शुरू में सरकार ने उनको ज्यादा सहायता देने की नीति अपनायी थी। इस नीति को छोड़ दिया गया। सरकार ने जब उन इलाकों पर ज्यादा संसाधन लगाने का फैसला किया जहाँ सिंचाई सुविधा मौजूद थी और जहाँ के किसान संमृद्ध थे। इस नीति के पक्ष में दलील यह दी गई कि जो पहले से ही सक्षम हैं वे कम उत्पादन को तेज रफ्तार से बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। सरकार ने उच्च गुणवत्ता के बीच, उर्वरक, कीटनाशाक और बेहतर सिंचाई सुविधा बड़े अनुमादित मूल्य पर मुहैया कराना शुरू किया। सरकार ने इस बात की भी गारंटी दी कि उपज कोएक निर्धारित मूल्य पर खरीद लिया जाएगा। यही उस पर घटना की शुरुआत थी जिसे हरित क्रांति कहा जाता है।


Q.92. दक्षिण एशिया क्या है ?

Ans :-सामान्यतया दक्षिण एशिया में नौ देशों को शामिल किया जाता है। इनमें आठ देश
(i) बांग्लादेश,
(ii) भूटान, (iii) भारत, (iv) मालदीव, (v) नेपाल, (vi) पाकिस्तान, (vii) श्रीलंका एवं
(viii) अफगानिस्तान को शामिल किया जाता है।
उत्तर की विशाल हिमायल पर्वत-श्रृंखला, दक्षिण का हिंदमहासागर, पश्चिम का अरब सागर और पूरब में मौजूद बंगाल की खाड़ी से यह इलाका एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में नजर आता है। यह भौगोलिक विशिष्टता ही उस उप-महाद्वीपीय क्षेत्र की भाषाई, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अनूठेपन के लिए जिम्मेदार है। इस क्षेत्र की चर्चा में जब-तब अफगानिस्तान और म्यांमार को भी शामिल किया जाता है। चीन इस क्षेत्र का एक प्रमुख देश है लेकिन चीन को दक्षिण एशिया का अंग नहीं माना जाता है।


Q.93. एमनेस्टी इंटरनेशनल क्या है ?

Ans :- मानवाधिकार का तात्पर्य है दबे-कुचले, कमजोर लोगों को जीने का अधिकार प्रदान करना। मानवाधिकार संगठन युद्ध में मारे गये लोगों और इसी तरह के असामाजिक कृत्यों के प्रति आवाज उठाकर दोषियों पर कार्रवाई करता है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के माध्यम से मानवाधिकार आयोग लोगों की भलाई के लिए कटिबद्ध रहता है। यह मानवाधिकार का एक अंग है।


Q.94. उन कारणों/कारकों का उल्लेख कीजिए जिनकी वजह से सरकार ने इस्पात उद्योग उड़ीसा में स्थापित करने का राजनीतिक निर्णय लेना चाहा ?

Ans :- (a) इस्पात की विश्वव्यापी माँग बढ़ी तो निवेश के लिहाज से उड़ीसा एक महत्वपूर्ण जगह के रूप में उभरा। उड़ीसा में लौह-अयस्क का विशाल भंडार था और अभी इसका दोहन बाकी था।
उड़ीसा की राज्य सरकार ने लौह-अयस्क की इस अप्रत्याशित माँग को भुनाना चाहा। उसने अंतर्राष्ट्रीय -इस्पात निर्माताओं और राष्ट्रीय स्तर के इस्पात-निर्माताओं के साथ सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए।
(b) सरकार सोच रही थी कि इससे राज्य में जरूरी पूँजी-निवेश भी हो जाएगा और रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में सामने आएँगे।


Q.95. उड़ीसा में लौहः-इस्पात उद्योग की स्थापना का, वहाँ के आदिवासियों ने क्यों विरोध किया था ?

Ans :-लौह-अयस्क के ज्यादातर भंडार उड़ीसा के सर्वाधिक अविकसित इलाकों में हैं खासकर इस राज्य के आदिवासी-बहुल जिलों में। आदिवासियों को डर है कि अगर यहाँ उद्योग लग गए तो उन्हें अपने घर-बार से विस्थापित होना पड़ेगा और आजीविका भी छिन जाएगी।


Q.96. पर्यावरण विदों के विरोध के क्या कारण थे ? उनके विरोध के बावजूद भी केन्द्र उड़ीसा में इस्पात उद्योग की स्थापना के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी क्यों देना चाहती थी ?

Ans :- उड़ीसा में इस्पात प्लांट लगाये जाने से पर्यावरणविदों को इस बात का भय है कि खनन और उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होगा। केन्द्र सरकार को लगता है कि अगर उद्योग लगाने की अनुमति | नहीं दी गई, तो इससे एक बुरी मिसाल कायम होगी और देश में पूँजी निवेश को बाधा पहुँचेगी।


Q.97. जे. सी. कुमारप्पा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

Ans :- जे० सी० कुमारप्पा का जन्म 1892 में हुआ। इनका असली नाम जे० सी० कार्नेलियस था। इन्होंने अर्थशास्त्र एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट की भी अमेरिका में शिक्षा प्राप्त की। यह महात्मा गाँधी के अनुयायी थे। आजादी के बाद उन्होंने गाँधीवादी आर्थिक नीतियों को लागू करने का प्रयास किया। उनकी कृषि इकॉनोमी ऑफ परमानैंस को बड़ी ख्याति मिला। एक योजना आयोग के सदस्य के रूप में उन्हें ख्याति मिली।


Q.98. चकबन्दी से क्या लाभ है ?

Ans :- चकबन्दी से कृषकों को उन्नत किस्म के आदानों का प्रयोग करने में सहायता मिलती है। तथा वे कम से कम प्रयत्नों से अधिकतम उत्पादन करने में सफल होते हैं। इससे उत्पादन लागत में भी कमी आती है।


Q.99. भूमि सुधार से क्या अभिप्राय है ?

Ans :- भूमि सुधार से अभिप्राय भूमि (जोतों) के स्वामित्व में परिवर्तन लाना। दूसरे शब्दों में भूमि सुधार में भूमि के स्वामित्व के पुनः वितरण को शामिल किया जाता है।


Q. 100. पंचशील क्या है ?

Ans :- 28 जून, 1954 के दिन भारतीय तथा चीनी प्रधानमंत्रियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में पंचशील के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया।
पंचशील के पाँच सिद्धांत निम्नलिखित हैं –
1. एक-दूसरे की प्रादेशिक अखंडता तथा सर्वोच्च सत्ता के प्रति पारस्परिक सम्मान की भावना।
2. एक-दूसरे के प्रदेश पर आक्रमण का परित्याग।
3. एक-दूसरे के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप न करने का संकल्प।
4. समानता और पारस्परिक लाभ के सिद्धांत के आधार पर मैत्रीपूर्ण संबंधों की स्थापना।
5. शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का सिद्धांत। – 14 दिसंबर, 1959 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में उपस्थित 82 देशों ने पंचशील के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया।


Class 12th Political Science Objective Question 2024

   S.N Class 12th Political Science Objective Question 2024
   1.   शीत युद्ध का दौर
   2.   दो ध्रुवीयता का अंत
   3.  समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व
   4.   सत्ता के वैकल्पिक केंद्र 
   5.   समकालीन दक्षिण एशिया
   6.   अंतरराष्ट्रीय संगठन 
   7.   समकालीन विश्व में सुरक्षा
   8.   पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
   9.   वैश्वीकरण
  10.   राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां
  11.  एक दल के प्रभुत्व का दौर
  12. नियोजित विकास की राजनीति
 13. भारत के विदेशी संबंध
 14. कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियां और पुनर्स्थापना
 15. लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट
 16. जन आंदोलन का उदय
 17.  क्षेत्रीय आकांक्षाएं
 18. भारतीय राजनीति : नए बदलाव