कक्षा 10 नागरी लिपि Subjective Question Answer 2024|| Class 10 Nagari Lipi Subjective Question Answer 2024

यहां पर बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 के लिए हिंदी का पांचवा अध्याय नागरी लिपि का लघु उत्तरीय प्रश्न दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर दिया हुआ है तथा अगर आप कक्षा 10 हिंदी का ऑब्जेक्टिव लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024 को भी पढ़ना चाहते हैं, तो इसका लिंक भी नीचे दिया गया है। यह लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर आपके मैट्रिक बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए इसे शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें और अपने कॉपी में नोट कर लें।

नागरी लिपि ( लघु उत्तरीय प्रश्न )

क्लास 10th हिंदी लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

[ 1 ] देवनागरी लिपि के संबंध में कौन-सा तथ्य महत्त्वपूर्ण है ?

Ans :- संसार में जहाँ भी संस्कृत-प्राकृत की पुस्तकें प्रकाशित होती हैं, वे प्रायः देवनागरी लिपि में प्रकाशित होती हैं।


[ 2 ] लेखक ने पटना से नागरी का क्या संबंध बताया है ?

Ans :- स्थापत्य की उत्तर भारत की एक विशेष शैली को ‘नागर शैली’ कहते हैं। यह नागरी शब्द किसी नगर अर्थात् बड़े शहर से संबंधित है। ‘पादताडितकम् नामक एक नाटक से जानकारी मिलती है, कि पाटलिपुत्र (पटना) को नगर कहते हैं। अतः ‘नागर’ या ‘नागरी’ शब्द उत्तर भारत के किसी बड़े नगर से संबंध रखता है। असंभव नहीं कि यह बड़ा नगर प्राचीन पटना ही हो।


[ 3 ] देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं?

Ans :- देवनागरी लिपि में हिंदी, हिंदी की विविध बोलियाँ, नेपाली, नेवारी एवं मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं।


[ 4 ] नागरी लिपि की उत्पत्ति के बारे में विद्वानों में क्या मतभेद हैं?

Ans :- नागरी लिपि के संबंध में कुछ विद्वान् इसकी उत्पत्ति गुजर ब्राह्मणों से मानते हैं, जबकि कुछ अन्य विद्वान् काशी को दव इसका देवनागरी नाम स्वीकार करते हैं। दोनों मत संकुचित है।


[ 5 ] मराठी भाषा में वह कौन-सा अक्षर है, जो हिंदी में नहीं पाया जाता है ? वह अक्षर किन भाषाओं से मिलता है?

Ans :- मराठी भाषा में क्त अक्षर है जो हिंदी में नहीं पायी जाती है? यह अक्षर संस्कृत और प्राकृत भाषाओं से मिलता है।


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[ 6 ] मराठी भाषा में कौन अतिरिक्त ध्वनि है ? इसके संदर्भ में लेखक का क्या विचार है ?

Ans :- मराठी भाषा में ‘क्त’ अतिरिक्त ध्वनि है। लेखक का विचार है कि प्राचीन काल में संस्कृत व प्राकृत भाषाओं में यह ध्वनि थी और इसके लिए अनेक
अभिलेखों में अक्षर मिलता है।


[ 7 ] नंदिनी नागरी किसे कहते हैं? किस प्रसंग में लेखक ने इसका उल्लेख किया है ?

Ans :- दक्षिण भारत की नागरी लिपि को नंदिनी नागरी लिपि कहते हैं। कोंकण के शिलाहार, मान्यखेट के राष्ट्रकूट, देवगिरी के यादव तथा विजयनगर के शासकों के लेख नंदिनी लिपि में प्राप्त होते हैं।


[ 8 ] नागरी लिपि कब एक सर्वदेशिक लिपि थी ?

Ans :- नागरी लिपि आठवीं और नौवीं सदी से पूरे देश में प्रकरण हो गया था। जिसके कारण इसे सर्वदेशिक लिपि कहा जाता है।


[ 9 ] नागरी लिपि के आरंभिक लिए कहां प्राप्त हुए हैं ? उनके विवरण दें।

Ans :- नागरी लिपि के आरंभिक लेख 9 वीं सदी में दक्षिण भारत से प्राप्त हुआ है। इस समय के सिक्के पर देवनागरी लिपि लिखा हुआ था।


[ 10 ] देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आई है ?

Ans :- जब से इस लिपि की टाइप होने लगा देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता आ गई है।


[ 11 ] निबंध के आधार पर कॉल क्रम में नागरी लेखों से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करें।

Ans :- इस निबंध के आधार पर हिंदी के महान कवि गुणाकर मुले यह बताना चाहते हैं, कि भारत में चाहे किसी काल का लेख हो। देवनागरी लिपि में ही प्राप्त हुआ है।


[ 12 ] नागरी की उत्पत्ति के संबंध में लेखक का क्या कहना है? पटना से नगरी का क्या संबंध लेखक ने बताया है?

Ans :- नागरी शब्द किसी नगर अर्थात् बड़े शहर से संबंधित है। ‘पादताडितकमे’ नामक एक नाटक से जानकारी मिलती है कि पाटलिपुत्र (पटना) को नगर कहते थे।
स्थापत्य की उत्तर भारत की एक विशेष शैली को ‘नागर शैली’ कहते हैं। अतः ‘नागर’ या ‘नागरी’ शब्द उत्तर भारत के किसी बड़े नगर से संबंध रखता है। असम्भव नहीं कि यह बड़ा नगर प्राचीन पटना ही हो। चंद्रगुप्त (द्वितीय) ‘विक्रमादित्य’ का व्यक्तिगत नाम ‘देव’ था, इसलिए गुप्तों
की राजधानी पटना को ‘देवनागर’ भी कहा जाता होगा।


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[ 13 ] नागरी को देवनागरी क्यों कहते हैं? लेखक इस संबंध में क्या बताता ?

Ans :- उत्तर-नागरी नाम की उत्पत्ति तथा इसके अर्थ के बारे में विद्वानों में बड़ा मतभेद है। एक मत के अनुसार गुजरात के नागर ब्राह्मणों ने पहले-पहल इस लिपि का इस्तेमाल किया, इसलिए इसका नाम नागरी पड़ा।
एक अन्य मत के अनुसार, बाकी नगर सिर्फ नगर हैं, परन्तु काशी देवनगरी है, इसलिए काशी में प्रयुक्त लिपि का नाम देवनागरी पड़ा।


[ 14 ] लेखक ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का सबध बताया ?

Ans :- लेखक गुणाकर मुले ने ‘नागरी लिपि’ शीर्षक पाठ में देवनागरी लिपि को वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला है। भारत की अनेक लिपियाँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। गुजराती लिपि देवनागरी से अधिक भिन्न नहीं है। बंगला लिपि प्राचीन नागरी लिपि की पुत्री नहीं तो बहन अवश्य है। हाँ, दक्षिण भारत की लिपियाँ वर्तमान नागरी से काफी भिन्न दिखाई देती हैं। लेकिन यह तथ्य हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए कि आज कुछ भिन्न-सी दिखाई देनेवाली दक्षिण भारत की ये लिपियाँ (तमिल-मलयालम और तेलुगु-कन्नड़) भी नागरी की तरह प्राचीन ब्राह्मी से ही विकसित हुई हैं।


[ 15 ] नागरी लिपि के साथ-साथ किसका जन्म होता है? इस संबंध में लेखक क्या जानकारी देता है?

Ans :- लेखक के अनुसार नागरी लिपि के साथ-साथ अनेक प्रादेशिक भाषा भी जन्म लेती हैं।
8वीं-9वीं सदी में हिन्दी का आरंभिक स्वरूप स्पष्ट होने लगता है। सरकार ] ने दोहाकोश लिखा है। इसकी हस्तलिपि तिब्बत से मिली है। जैन भंडारों से भी बहत – सी हस्तलिपियाँ मिली हैं। आधुनिक भाषा मराठी, बंगला इत्यादि का स्वरूप भी इस काल में सामने आ रहा था।


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[ 16 ] ब्राह्मी और सिद्धम लिपि की तूलना में नागरी लिपि की मुख्य पहचान क्या है?

Ans :- लेखक गुणाकर मुले ने ‘नागरी लिपि’ शीर्षक निबंध में नागरी के उद्भव और विकास पर प्रकाश डाला है। गुप्त काल की ब्राह्मी लिपि और बाद की सिद्धम लिपि के अक्षरों के सिर पर छोटी आड़ी लकीरें या छोटे ठोस तिकोन हैं। लेकिन नागरी लिपि की मुख्य पहचान यह है कि इसके अक्षरों के सिरों पर पूरी लकीरें बन जाती हैं और ये सिरो रेखाएँ उतनी ही लंबी रहती हैं जितनी की अक्षरों की चौड़ाई होती है। हाँ, कुछ लेखों के अक्षरों के सिरों पर अब भी कहीं-कहीं तिकोन दिखाई देते हैं। । दूसरी स्पष्ट विशेषता यह है कि इस प्राचीन नागरी के अक्षर आधुनिक नागरी से मिलते-जुलते हैं और इन्हें आसानी से, थोड़े अभ्यास के बाद, पढ़ा जा सकता है।


[ 17 ] उत्तर भारत में किन शासकों के प्राचीन नागरी लेख प्राप्त होते हैं ?

Ans :- गुणाकर मुले ने ‘नागरी लिपि’ शीर्षक निबंध में देवनागरी लिपि के उद्भव और विकास पर प्रकाश डाला है। उत्तर भारत में मेवाड़ के गुहिल, सांभर-अजमेर के चौहान, कन्नौज के गाहड़वाल, काठियावाड़-गुजरात के सोलंकी, आबू के परमार, जेजाकभुक्ति (बुंदेलखण्ड) के चंदेल तथा त्रिपुरा के कलचुरि शासकों के लेख नागरी लिपि में ही हैं। उत्तर भारत की इस नागरी लिपि को हम देवनागरी के नाम से जानते हैं।

Matric Board Exam 2024 Hindi Objective Question Answer PDF

 S.N  गोधूलि भाग 2 ( गद्य खण्ड ) OBJECTIVE
पाठ – 1 श्रम विभाजन और जाति प्रथा
पाठ – 2 विष के दाँत
पाठ – 3 भारत से हम क्या सीखें
पाठ – 4 नाखून क्यों बढ़ते हैं
पाठ – 5 नागरी लिपि
पाठ – 6 बहादुर
पाठ – 7 परंपरा का मूल्यांकन
पाठ – 8 जित-जित मैं निरखत हूँ
पाठ – 9 आविन्यों
पाठ – 10 मछली
पाठ – 11 नौबतखाने में इबादत
पाठ – 12 शिक्षा और संस्कृति

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 S.N  Matric Exam 2024 Bihar Board 
1. SOCIAL SCIENCE ( सामाजिक विज्ञान )
2. SCIENCE ( विज्ञान )
3. HINDI ( हिन्दी )
4.  SANSKRIT ( संस्कृत )
5. ENGLISH ( इंग्लिश )
6. MATH ( गणित ) 
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