Class 12th Political Science Ka ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) Question Answer 2024 ( Part – 5 ) | Political Science Class 12th Short Question Answer 2024 Bihar Board

अगर आप कक्षा बारहवीं के छात्र हैं और इस बार इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए तैयारी कर रहे हैं तो यहां पर आपके लिए कक्षा 12 राजनीतिक शास्त्र का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्त दिया हुआ है जो कि आने वाले इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और साथ में यहां पर ( Inter Board Exam 2024 Political Science Question Answer ) बिहार बोर्ड कक्षा 12 राजनीतिक शास्त्र का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर भी मिल जाएगा।

दोस्तों यह सभी प्रश्न आपके इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है राजनीति शास्त्र का लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर इसलिए इन सभी प्रश्नों को याद जरूर करें तथा अपने कॉपी में लिख ले ताकि आने वाले इंटर बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।

राजनीतिक शास्त्र ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) |PART – 5

Class 12th Political Science Ka ( लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर ) Question Answer

Q. 131. तथ्य दीजिए कि पर्यावरण से जुड़े सरोकार 1960 के दशक के बाल राजनैतिक चरित्र ग्रहण कर सके।

Ans :- पर्यावरण से जुड़े सरोकारों का लंबा इतिहास है लेकिन आर्थिक विकास के कार पर्यावरण पर होने वाले असर की चिंता ने 1960 के दशक के बाद से राजनीतिक चरित्र ग्रहण किया वैश्विक मामलों से सरोकार रखनेवाले एक विद्वत् समूह ‘क्लब आव रोम’ ने 1992 में लिमिट्स टू ग्रोथ शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित की। यह पुस्तक दुनिया की बढ़ती जनसंख्या के आलोक में प्राकृतिक संसाधनों के विनाश के संदेश को बड़ी खूबी से बताती है।


Q. 132. विश्व की ‘साझी विरासत’ का क्या अर्थ है ? इसका दोहन और प्रदूषण कैसे
होता है ?

Ans :-(i) विश्व की साझी विरासत का अर्थ-साझी संपदा वह संसाधन हैं जिस पर किसी एक का नहीं बल्कि पूरे समुदाय का हक होता है। यह साझा चूल्हा, साझा चारागाह, साझा मैदान साझा कुआँ या नदी कुछ भी हो सकता है। इसी तरह विश्व के कुछ हिस्से और क्षेत्र किसी एक देश के सैंप्रभु क्षेत्राधिकार से बाहर होते हैं। इसीलिए उनका प्रबंधन साझे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा किया जाता है। इन्हें ‘वैश्विक संपदा’ या ‘मानवता की साझी विरासत’ कहा जाता है। इसमें पृथ्वी का वायुमंडल, अंटार्कटिका, समुद्री सतह और बाहरी अंतरिक्ष शामिल हैं। (ii) दोहन और प्रदूषण-1. ‘वैश्विक संपदा’ की सुरक्षा के सवाल पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कायम करना टेढ़ी खीर है। इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण समझौते जैसे अंटार्कटिका संधि (1959), मांट्रियल न्यायाचार अथवा प्रोटोकॉल (1987) और अंटार्कटिका पर्यावरणीय न्यायाचार अथवा प्रोटोकॉल (1991) हो चुके हैं। पारिस्थितिकी से जुड़े हर मसले के साथ एक बड़ी समस्या यह जुड़ी है कि अनुष्ट वैज्ञानिक साक्ष्यों और समय-सीमा को लेकर मतभेद पैदा होते हैं। ऐसे में एक सर्व-सामान्य पर्यावरणीय एजेंडा पर सहमति कायम करना मुश्किल होता है।
2. इस अर्थ में 1980 के दशक के मध्य में अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत में छेद की खोज एक आँख खोल देनेवाली घटना है।
3. ठीक इसी तरह वैश्विक संपदा के रूप में बारी अंतरिक्ष के इतिहास से भी पता चलता है कि इस क्षेत्र में प्रबंधन पर उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के देशों के बीच मौजूद असमानता का असर पड़ है। धरती के वायुमंडल और समुद्री सतह के समान यहाँ भी महत्वपूर्ण मसला प्रौद्योगिकी और औद्यागिक विकास का है यह एक जरूरी बात है क्योंकि बाहरी अंतरिक्ष में जो दोहन कार्य हो रहे हैं उनके फायदे न तो मौजूदा पीढ़ी में सबके लिए बराबर हैं और न आगे की पीढियों के लिए।


Q.133. विदेशी संबंध के विषय में संविधान निर्माताओं ने राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों के अन्तर्गत अनुच्छेद 51 में क्या कहा है। संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

Ans :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 में ‘अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के बढ़ावे’ के लिए राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत के हवाले (संदर्भ से) कहा गया है कि राज्य
(a) अंतर्राष्ट्रीय शांति और मरक्षा की अभिवृद्धि का,
(b) राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत और सम्मानपूर्ण संबंधों को बनाए रखने का,
(c) संगठित लोगों के एक-दूसरे से व्यवहार में अंतर्राष्ट्रीय विधि और संधि-बाध्यताओं के प्रति आदर बढ़ाने का, और
(d) अंतर्राष्ट्रीय विवादों को पारस्परिक बातचीत द्वारा निपटारे के लिए प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगा।


Political science class 12th short question answer 2024 Bihar Board

Q. 134. द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थिति का वर्णन कीजिए।

Ans :- द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र था। उस पर समस्त विश्व के नेतृत्व का उत्तरदायित्व था। दूसरा शक्तिशाली देश सोवियत रूस था जो अन्तर्राष्ट्रीय साम्यवादी क्रांति का कार्य करता था। पश्चिमी यूरोप के देश शक्तिशून्य हो चुके थे। अफ्रीका और एशिया के देशों में आर्थिक दरिद्रता छाई हई थी। इन देशों में साम्यवाद के प्रसार को रोकने के लिए अमेरिका ने अपनी विदेश नीति को साम्यवाद के प्रसार की रोक पर आधारित बनाया।

0.135. आंध्र प्रदेश में चले शराब विरोधी आंदोलन ने देश का ध्यान कुछ गंभीर मुद्दों की तरफ खींचा। ये मुद्दे क्या थे ?

Ans :- आंध्र प्रदेश में शराब-विरोधी आंदोलन द्वारा चलाए गए जिन गंभीर मुद्दों की तरफ ध्यान खींचा (Issue and item attention drawn by anti arrck movement launched in Andhra Pradesh)-ताड़ी-विरोधी आंदोलन का नारा बहुत साधारण था- ‘ताड़ी की बिक्री बंद करो।’ लेकिन इस साधारण नारे ने क्षेत्र के व्यापक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों तथा महिलाओं के जीवन को गहरे प्रभावित किया।
(ii) ताड़ी व्यवसाय को लेकर अपराध एवं राजनीति के बीच एक गहरा नाता बन गया था। राज्य सरकार को ताड़ी की बिक्री से काफी राजस्व प्राप्ति होती थी इसलिए वह इस पर प्रतिबंध नहीं लगा रही थी।
(iii) स्थानीय महिलाओं के समूहों ने इस जटिल मुद्दे को अपने आंदोलन में उठाना शुरू किया। . वे घरेलू हिंसा के मुद्दे पर भी खुले तौर पर चर्चा करने लगीं। आंदोलन ने पहली बार महिलाओं को घरेलू हिंसा जैसे निजी मुद्दों पर बोलने का मौका दिया।
(iv) ताड़ी-विरोधी आंदोलन महिला आन्दोलन, का एक हिस्सा बन गया। इससे पहले घरेलू हिसा दहेज प्रथा, कार्यस्थल एवं सार्वजनिक स्थानों पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ काम करने वाले महिला समूह आमतौर पर शहरी मध्यवर्गीय महिलाओं के बीच ही सक्रिय थे और यह बात पूरे देश पर लागू होती थी। महिला समूहों के इस सतत कार्य से यह समझदारी विकसित होनी शुरू हुई कि औरतों पर होने वाले अत्याचार और लैंगिक भेदभाव का मामला खासा जटिल है।
(v) आठवें दशक के दौरान महिला आंदोलन परिवार के अंदर और उसके बाहर होने वाली यौन हसा के मुद्दों पर केंद्रित रहा। इन समहों ने दहेज प्रथा के खिलाफ मुहिम चलाई और लैंगिक समानता सात पर आधारित व्यक्तिगत एवं संपत्ति कानूनों की माँग की।
(VI) इस तरह के अभियानों ने महिलाओं के मुद्दों के प्रति समाज में व्यापक जागरूकता पैदा की। चार महिला आंदोलन काननी सधारों से हटकर सामाजिक टकराव के मुद्दों पर भी खुले तौर पर बात करने लगा।
(vii) नवें दशक तक आते-आते महिला आंदोलन समान राजनीतिक प्रतिनिधित्व की बात लगा था। आपको ज्ञात ही होगा कि संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के अंतर्गत महिलाओं को – स्थानीय राजनीतिक निकायों में आरक्षण दिया गया है।


Q. 136. “ऑपरेशन विजय” का वर्णन कीजिए तथा उसका महत्त्व बताइए।

Ans :- पुर्तगालियों ने जब किसी भी तरह से भारतीय की प्रार्थना की, आपसी बातचीत को गोवा को छोड़ने के लिए नहीं माना और उसने गलतफहमी में राष्ट्रवादियों और देशप्रेमियों पर हमले करने शुरू कर दिए। सैंकड़ों लोगों को पुर्तगाली पुलिस ने जब अपना निशाना बनाया तो भारत ने गोवा की आजादी के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ (Operation Vijay) नामक सैनिक कार्यवाही की ताकि गोवा के साथ-साथ गोवा और दमन दीव को अत्याचारी शासन से छुड़ाया जा सके।
ऑपरेशन विजय नामक कार्यवाही 17-18 दिसंबर, 1961 को शुरू की गई। इस कार्यवाही के कमांडर जनरल जे. एन. चौधरी थे। दोपहर के 2 बजकर 25 मिनट पर 19 दिसंबर, 1961 को ‘ऑपरेशन विजय’ नामक कार्यवाही समाप्त हो गई। – यह कार्यवाही भारतीय स्वतंत्रता को पूर्ण करने वाली कार्यवाही थी। गोवा, दमन, दीव हवेली आदि में भारत का तिरंगा फहराया गया। नि:संदेह गोवा की स्वतंत्रता ने भारतीयों का स्वाभिमान बढ़ाया और उन्हें सुशोभित किया। वे भारत के अंग बन गए। भारत की भूमि से विदेशियों की अनाधिकृत उपस्थिति और वर्चस्व पूर्णतया समाप्त हो गया।

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Q.137. गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा सन् 1987 में किस तरह प्राप्त हुआ ? संक्षेप में लिखिए।

Ans :- दिसंबर,1961 में पुर्तगाल से स्वतंत्रता प्राप्त करने वाला गोवा एवं भारत संघ में शामिल हए गोवा संघ प्रदेश में शीघ्र एक और समस्या उठ खड़ी हुई। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के नेतृत्व में एक तबके ने माँग रखी कि गोवा को महाराष्ट्र में मिला दिया जाए क्योंकि यह मराठी भाषी क्षेत्र है। बहरहाल, बहुत से गोवावासी गोवानी पहचान और संस्कृति को स्वतंत्र अहमियत बनाए रखना चाहते थे। कोंकणी भाषा के लिए भी इनके मन में आग्रह था। इस तबके का नेतृत्व यूनाइटेड गोअन पार्टी ने किया। 1967 की जनवरी में केंद्र सरकार ने गोवा में एक विशेष जनमत सर्वेक्षण कराया। इसमें गोवा के लोगों से पूछा गया कि आप लोग महाराष्ट्र में शामिल होना चाहते हैं अथवा अलग बने रहना चाहते हैं। भारत में यही एकमात्र अवसर था जब किसी मसले पर सरकार ने जनता की इच्छा को जानने के लिए जनमत संग्रह जैसी प्रक्रिया अपनायी थी। अधिकांश लोगों ने महाराष्ट्र से अलग रहने के पक्ष में मत डालो। इस तरह गोवा संघशासित प्रदेश बना रहा। अंतः 1987 में गोवा भारत संघ का एक राज्य बना।


Q.138. वी० डी० सावरकर कौन था? उन्होंने हिंदुत्व के महत्त्व की किन शब्दों में व्याख्या की ?

Ans :-  1. परिचय (Introduction)-वी० डी० सावरकर भारत के महान् स्वतंत्रता सेनानी तथा क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश के भीतर और देश के बाहर क्रांतिकारियों से मिलकर देश की आजादी में भाग लिया। 1 जून, 1909 को उन्हीं के एक घनिष्ठ मित्र और साथी मदन लाल धींगड़ा ने लंदन में उस अंग्रेज अधिकारी (यानी सर विलियम कर्जन) की हत्या कर दी, जो अनेक निर्दोष लोगों की भारत में हत्याओं के लिए जिम्मेवार था वी. डी. सावरकर को कुछ समय बाद (अप्रैल 1910) कैद कर लिया गया और भारत जहाज पर बिठा कर भेज दिया गया। उन्होंने विदेशी सरकार को चकमा देकर जहाज से कूदकर समुद्र पार किया। वह उस समुद्र तट पर पहुँच गए जो उस समय फ्रांसीसियों के कब्जे में था। उन्होंने अपनी पुस्तक में 1857 के विप्लव को प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
2. हिंदुत्व और उसकी व्याख्या (Hindutav and it explanation)-
(i) ‘हिंदुत्व’ अथवा “हिन्दूपन’ शब्द को वी० डी० सावरकर ने गढ़ा (coined) था और इसको परिभाषित (defined) करत
हुए उन्होंने इसे भारतीय, (और उनके शब्दों में हिन्दू) राष्ट्र की बुनियाद (नीव) बताया। उनके कहने का तात्पर्य यह था कि भारत राष्ट्र का नागरिक वही हो सकता है जो भारतभूमि को न सिर्फ ‘पितृभूमि’ बल्कि अपनी ‘पुण्यभूमि’ भी स्वीकार करे।
(ii) हिंदुत्व के समर्थकों का तर्क है कि मजबूत राष्ट्र सिर्फ स्वीकृत राष्ट्रीय संस्कृति की बुनियाद __ पर ही बनाया जा सकता है। वे यह भी मानते हैं कि भारत के संदर्भ में राष्ट्रीयता की बुनियाद केवल
हिन्दू संस्कृति (जो बहुत उदार एवं जिसकी पाचन शक्ति अद्भुत है) ही हो सकती है।


Q. 139. कारगिल की लड़ाई पर टिप्पणी लिखिए।

Ans :- कारगिल की लड़ाई-1. 1999 के शुरुआती महीनों में भारतीय क्षेत्र की नियंत्रण सीमा । रेखा के कई ठिकानों जैसे द्रास, माश्कोह, काकसर और बतालिक पर अपने को मुजाहिद्दीन बताने वालों ने कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान सेना की इसमें मिलीभगत भाँप कर भारतीय सेना इस कब्जे के खिलाफ हरकत में आई। इससे दोनों देशों के बीच संघर्ष छिड़ गया। इसे ‘कारगिल की लड़ाई’ के नाम से जाना जाता है।
2. 1999 के मई-जून में यह लड़ाई जारी रही। 26 जुलाई 1999 तक भारत अपने अधिकतर ठिकानों पर पुनः अधिकार कर चुका था। कारगिल की लड़ाई ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा था क्योंकि इससे ठीक एक साल पहले दोनों देश परमाणु हथियार बनाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर चुके थे।
3. जो भी हो यह लड़ाई सिर्फ कारगिल के क्षेत्र तक की सीमित रही। पाकिस्तान में इस लडाई को लेकर बहुत विवाद मचा। कहा गया कि सेना के प्रमुख ने प्रधानमंत्री को इस मामले में अँधेरे में रखा था। इस लड़ाई के तुरंत बाद पाकिस्तान की हुकूमत पर जनरल परवेज मुशर्रफ की अगआई में पाकिस्तान सेना ने नियंत्रण कर लिया।


Q.140. भारत और विश्व शांति पर टिप्पणी लिखिए।

Ans :- भारत की विदेश नीति का प्रमुख उद्देश्य विश्व में शांति की स्थापना करना है। जवाहर लाल , नेहरू ने 1949 में कहा था कि, “भारतीय विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य पंचशील शांतिपूर्ण सह । अस्तित्व, निरस्त्रीकरण, मानव अधिकारों का समर्थन आदि हैं। भारत ने 1947 से 1989 तक विश्व की दो महाशक्तियों के बीच शीत युद्ध समाप्त करवाने के लिए हमेशा प्रयत्न किया। उपनिवेशों के स्वतंत्र आंदोलन का समर्थन किया। भारत हमेशा से विश्व शांति के प्रयास करता रहता है।  भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा की जानेवाली शांति स्थापना के लिए सैनिक कार्यवाही में अपना सहयोग दिया है। भारत ने इस उद्देश्य के लिए कई देशों में अपनी सेनाएँ भेजी हैं। उदाहरण के लिए, 1950 में कोरिया के युद्ध में भारत ने चिकित्सा शिष्टमंडल भेजा था। इसी प्रकार कांगो में (1960-64), साप्रस (1964) मिश्र तथा गाजा में (1956) तथा अन्य राज्यों में भी संयुक्त राष्ट्र की प्रार्थना पर शांति स्थापना के लिए सैनिक टुकड़ियाँ भेजी हैं।


Class 12th Political Science ( राजनीतिशास्त्र ) Question Answer in Hindi 2024

Q.141. ‘क्षेत्रीय आकांक्षाओं के प्रति भारत सरकार का नजरिया’ विषय पर एक टिप्पणी लिखिए।
अथवा, क्षेत्रवाद के प्रति भारत सरकार के दृष्टिकोण पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी लिखिए।

Ans :- क्षेत्रीय आकांक्षाओं अथवा क्षेत्रवाद के प्रति भारत सरकार का नजरिया या दष्टिकोण (Outlook of Government of India about Regional Aspiration or Regionalism)-भारत ने विविधता के सवाल पर लोकतांत्रिक दृष्टिकोण अपनाया। लोकतंत्र में क्षेत्रीय आकांक्षाओं की राजनीतिक अभिव्यक्ति की अनुमति है और लोकतंत्र क्षेत्रीयता को राष्ट्र विरोधी नहीं मानता। इसके अतिरिक्त लोकतांत्रिक राजनीति में इस बात के पूरे अवसर होते हैं कि विभिन्न दल और समूह क्षेत्रीय पहचान आकांक्षा अथवा किसी खास क्षेत्रीय समस्या का आधार बनाकर लोगों की भावनाओं को नुमाइंदगी करे। इस तरह लोकतांत्रिक राजनीति की प्रक्रिया में . क्षेत्रीय आकांक्षाएँ और बलवती होती हैं।


Q. 142. सामाजिक अधिकारों से आप क्या समझते हैं ?

Ans :-इनमें मुख्य रूप से ये अधिकार शामिल हैं
(i) विवाह करने और घर बसाने का अधिकार।
(ii) कुटुम्ब समाज की प्राथमिक इकाई है, जिसे राज्य और समाज का पूर्ण संरक्षण मिले।
(iii) शिक्षा का अधिकार–कम-से-कम प्राथमिक स्तर पर शिक्षा निःशुल्क होगी। शिक्षा का लक्ष्य मानव व्यक्तित्व का पूर्ण विकास और मानव अधिकारों के प्रति सम्मान की भावना जगाना है।


Q.143. “भारत की विदेश नीति जातिवाद व रंगभेद का विरोध करती है।” स्पष्ट करें।

Ans :- जातिवाद व रंगभेद- भारत की विदेश नीति की एक प्रमुख विशेषता जाति भेद व रंगभेद का विरोध है। भारत ने सदा ही जातिभेद व रंगभेद का विरोध किया है। यूरोप के श्वेत जातियों ने अन्य जातियों के साथ दुर्व्यवहार किया है। उन्हें हेय समझा है। उन्हें हीन बताकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया है। भारत में भी अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ बड़े अत्याचार किये थे। भारत ने स्वतंत्र होने के पश्चात् अफ्रीका के अश्वेत लोगों के साथ यूरोप की श्वेत जातियों द्वारा किये जानेवाले भेदभाव का कड़ा विरोध किया। रोडेशिया (जिम्बाब्बे) तथा दक्षिण अफ्रीका के गोरे शासन की नीतियों का भारत ने खुलकर निरंतर विरोध किया और अफ्रीकी जनता के स्वतंत्रता आंदोलन में सहयोग दिया है। इतना  ही नहीं अफ्रीकी देशों में और विशेषत: दक्षिण अफ्रीका में गोरी अल्पसंख्यक सरकार ही अश्वेतों के विरुद्ध रंगभेद नीति के संबंध में भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ से कठोर रुख अपनाने का आग्रह किया। भारत के प्रयासों के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र ने रंगभेद की नीति के विरुद्ध अनेक प्रस्ताव पारित किए हैं।


Q.144. संयुक्त राष्ट्र संघ के पुनर्गठन के सुधार संबंधी सुझावों को लागू करने में जो कठिनाइयाँ आती हैं उनका आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

Ans :- (i) यू. एन० ओ० के जो देश अब भी सदस्य नहीं हैं उन्हें सदस्य बनने के लिए राजी किया जाए। चीन, तिब्बत और ताइवान को स्वतंत्र सदस्यता दिये जाने का विरोध करता है जबकि अनेक सदस्य उसका समर्थन करते हैं।
(ii) सभी सदस्यों को एक मत देने का अधिकार होना चाहिए और वह व्यक्तिगत तौर पर गुप्त मतदान के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए। सभी निर्णय महासभा में बहुमत से होने चाहिए। बड़ी शक्तियाँ अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी हेकड़ी या वर्चस्व बनाये रखने के लिए इसकी अनुमति नहीं देती हैं।
(iii) सुरक्षा परिषद में पाँच की बजाय पंद्रह स्थायी सदस्य हों और वीटों का अधिकार समाप्त हो। यह सदस्यता विश्व के प्रमुख 50 राष्ट्रों को क्रमानुसार नम्बर दे दी जानी चाहिए, ऐसा पाँचों स्थायी सदस्य नहीं होने देना चाहते।
(iv) बदले हुए विश्व वातावरण में भारत, जापान, जर्मनी, कनाडा, ब्राजील, दक्षिणी अफ्रीका को स्थायी सदस्यता दी जानी चाहिए।
(v) पर्यावरण की समस्याओं, जनाधिक्य की समस्याओं, आतंकवाद की समस्याओं, परमाणु अस्त्र-शस्त्र को समाप्त करने के मामले में सभी संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को पूरा सहयोग करना चाहिए।


Q.145. मानव अधिकारों में सांस्कृतिक अधिकारों का उल्लेख कीजिए।

Ans :- प्रत्येक मनुष्य को समाज में सांस्कृतिक जीवन में मुख्य रूप से भाग लेने, कलाओं का आनंद लेने और वैज्ञानिक प्रगति के फायदों में हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार है। – घोषणा-पत्र के अंत में यह भी कहा गया है कि “प्रत्येक व्यक्ति का उस समुदाय के प्रति कर्तव्य है. जिसमें उसके व्यक्तित्व का पूर्ण विकास संभव है’ नैतिकता सार्वजनिक व्यवस्था और जनकल्याण की दृष्टि से इन स्वतंत्रताओं के प्रयोग पर मर्यादाएँ लगाई जाएंगी।


बिहार बोर्ड कक्षा 12 राजनीति विज्ञान लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 2024

Q.146. महिला सशक्तिकरण की राष्ट्रीय नीति 2001 के मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख करें।

Ans :- 2001 में भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक राष्ट्रीय नीति घोषित की। इस नीति के मुख्य उद्देश्य अग्रलिखित हैं –

1. सकारात्मक आर्थिक और सामाजिक नीतियों द्वारा ऐसा वातावरण तैयार करना जिसमें महिलाओं का अपनी पूर्व क्षमता को पहचानने का मौका मिले और उनका पूर्ण विकास हो।
2. महिलाओं द्वारा पुरुषों की भाँति राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और नागरिक . सभी क्षेत्रों में समान स्तर पर भी मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं का कानूनी और वास्तविक उपभोग।
3. स्वास्थ्य देखभाल, प्रत्येक स्तर पर उन्नत शिक्षा, जीविका एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन रोजगार, समान पारिश्रमिक, व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक पदों आदि में महिलाओं को समान सुविधाएँ।
4. न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाकर महिलाओं के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभाव का उन्मूलन राष्ट्रीय नीति के अनुसार, केंद्रीय तथा राज्य मंत्रालयों को केंद्रीय, राज्य स्तरीय महिला एवं शिशु कल्याण विभागों और राष्ट्रीय एवं राज्य महिला आयोगों के साथ सहभागिता के माध्यम से विचार-विमर्श करके नीति को ठोस कार्यवाही में परिणत करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनानी होगी।


Class 12th Political Science Objective Question 2024

   S.N Class 12th Political Science Objective Question 2024
   1.   शीत युद्ध का दौर
   2.   दो ध्रुवीयता का अंत
   3.  समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व
   4.   सत्ता के वैकल्पिक केंद्र 
   5.   समकालीन दक्षिण एशिया
   6.   अंतरराष्ट्रीय संगठन 
   7.   समकालीन विश्व में सुरक्षा
   8.   पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन
   9.   वैश्वीकरण
  10.   राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां
  11.  एक दल के प्रभुत्व का दौर
  12. नियोजित विकास की राजनीति
 13. भारत के विदेशी संबंध
 14. कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियां और पुनर्स्थापना
 15. लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट
 16. जन आंदोलन का उदय
 17.  क्षेत्रीय आकांक्षाएं
 18. भारतीय राजनीति : नए बदलाव